चाणक्य एक महान दार्शनिक, शिक्षक और अर्थशास्त्री थे। वो इतने ज्ञानी और बुद्धि से तेज से थे कि अपनी नीतियों की बदोलत उन्होंने चन्द्रगुप्त को मौर्य वंश का राजा बना दिया और स्वयं उनके सलाहकार बन गए। चाणक्य द्वारा लिखी पुस्तके आज भी लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। चाणक्य के बताए रास्तो पर चलकर ही चन्द्रगुप्त ने अपने शासन काल में इतनी सफलता पाई। उनकी बताई नीतियाँ अगर आज का व्यक्ति भी अपना ले तो वो भी अपने जीवन की कई परेशानियों से छुटकार पा सकता है। आज की पोस्ट में हम आपको उनके द्वारा चन्द्रगुप्त मौर्य को बताई गई उन बातो के बारे में बताने वाले हैं जो बेहद जरुरी हैं। चाणक्य के अनुसार यदि व्यक्ति अपना जीवन खुशहाल जीना है तो उसे कुछ चीजो का ख़ास ध्यान रखना चाहिए और भूलकर भी कुछ चीजो को पैर नही लगाना चाहिए। व्यक्ति अगर इन चीजो को पैर लगाएगा तो वो उसके दुष्परिणाम के लिए तैयार रहे।
यदि आप भी उन चीजो के बारे मे जानना चाहते हैं जिसे पैरो से कभी भी नही छूना चाहिए तो पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े।
अपनी सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त करे विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल जी से ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श बुक करें.
अग्नि अर्थात आग
सनातन धर्म में अग्नि को पूजनीय माना गया है। हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य को पूरा करने में अग्नि देव का आह्वान करके उनसे आशीर्वाद माँगा जाता है। आचार्य और अर्थशास्त्री चाणक्य अनुसार व्यक्ति को कभी भी अग्नि को पैर नही लगाने चाहिए। हिन्दू धर्म अनुसार अग्नि वो है जिसको साक्षी मानकर हिन्दू धर्म में विवाह संपन्न होते है। नामकरण विधि के समय भी हवन किया जाता है। हिन्दू धर्म में किसी परेशानी से बचने के लिए देवी देवताओं को प्रसन्न किया जाता है और इस प्रक्रिया में हवन में अग्नि जगाकर पूजा की जाती है।
गुरु
गुरु वो है जिसका स्थान माता पिता से भी ऊंचा है। कहते हैं उनका स्थान देवी देवताओं से भी ऊपर है। यदि आपके सामने गुरु और देवता खड़े हैं तो पहले गुरु के चरण स्पर्श करने की सलाह दी जाती है। गुरु वो हैं जो व्यक्ति को जीवन जीना का तरीका सिखाता है। बचपन में उनके द्वारा दी जाने वाली शिक्षा उसके जीवन भर का आधार होता है। हमे उनका सम्मान करना चाहिए। अपने जीवन के हर शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गुरु से आशीर्वाद लेना चाहिए। उनका अपमान नही करना चाहिए और न ही उनको पैर से छूना चाहिए।
बुजुर्ग
अपने बुजुर्गो का हमेशा सम्मान करना चाहिए। उन्हें कभी भी पैर नही लगाना चाहिए। कहते हैं उन्हें यदि पैर से छुएंगे तो व्यक्ति को पाप लगेगा और बुजुर्गो का अपमान करने से और उनका अनादर करने से व्यक्ति को अपने कर्मो का परिणाम भुगतना पड़ता है। जिन घरो में उनका अनादर होता है वहां पर कभी भी सुख शांति नही रहती और वहां धन दौलत कभी भी नही टिकती। ऐसे घरो से माँ लक्ष्मी रूठकर चली जाती है। वही जिन घरो में उनका सम्मान होता है और उन्हें आदर दिया जाता है वहां पर सुख शांति और समृद्धि आती है। उनके लिए कभी भी अपशब्द नही बोलने चाहिए।
कुंवारी कन्या
हिन्दू धर्म में कुंवारी कन्या को देवी का स्वरुप माना गया है। नवरात्रि में तो उन्हें ख़ास तौर पर आमन्त्रण देकर खाने के लिए बुलाया जाता है। लोग उनके चरण छूते हैं। कुंवारी कन्या को भूलकर भी पैर न लगाए। कभी गलती से उनको आपका पैर लग जाता है तो उनसे माफ़ी मांगे वरना ऐसी हरकत करने वाला व्यक्ति परेशानियों में पड़ जाता है। ऐसा भी कहा जाता है बिना कन्या के कोई भी परिवार पूरा नही होता है और माता पिता द्वारा किया जाने वाला कन्या दान सबसे बड़ा दान होता है।
ब्राह्मण
ब्राह्मण हिन्दू धर्म में पूजनीय माने जाते हैं। उन्हें सबसे श्रेष्ठ वर्ग का माना जाता है। हर शुभ प्रकरण पर उन्हें भोजन कराया जाता है। वो इतने पूजनीय होते हैं कि घर के बुजुर्गो की बरसी पर भी उन्हें भोजन कराना शुभ माना जाता है। कुछ लोग तो अपनी मन्नत पूरी करने के लिए ब्राह्मणों को महाभोज कराते हैं क्योकि ऐसा माना जाता है उन्हें भोजन कराने का अर्थ है आप देवी देवताओं को भोजन करा रहे हैं। इन्हें भी कभी भी पैर नही लगाना चाहिए क्योकि इनका दर्जा ईश्वर के समान होता है। यदि व्यक्ति इन्हें पैर लगाता है तो उसे पाप लगता है। कभी गलती से आप से ये गलती हो जाए तो उनसे विनम्र होकर माफ़ी मांग लें।
गाय
हिन्दू धर्म में गाय को गौ माता कहते हैं। उनके द्वारा दिए जाने वाले दूध से भगवान् का अमृत बनाया जाता है, उनके गोबर से उपले तैयार किए जाते हैं जिसे होली जैसे पवित्र और शुभ दिन होलिका में जलाया जाता है। चाणक्य अनुसार कभी भी गाय माता को पैर नही लगाना चाहिए।
आप भी चाणक्य की इन नीतियों का पालन करे और खुशहाल जीवन बिताएं।
यह भी पढ़ें – गीता के पांच श्लोक और उनके अर्थ