जन्मकुंडली में सूर्य राहु युति का प्रभाव भाग-3

जन्मकुंडली में सूर्य राहु युति का प्रभाव भाग-3

जन्म कुंडली के प्रथम भाव से लेकर अष्टम भाव तक सूर्य राहु युति के प्रभावों को हम पिछले दो भागों में समझ चुके हैं अभी तक के सभी भावों में यही सामान्य प्रभाव देखने को मिला है कि जन्म कुंडली में सूर्य राहु युति के प्रभाव से जातक के आत्मविश्वास में कमी आती है और उसे स्वास्थ संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है आज के लेख में जन्म कुंडली के आगे के भावों यानि नवम भाव से लेकर द्वादश भाव में सूर्य राहु युति से होने वाले प्रभावों को जानने वाले हैं 

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जन्मकुंडली के नवम भाव में सूर्य राहु युति का प्रभाव -

जन्म कुंडली के नवम भाव को भाग्य भाव भी कहा जाता है कुंडली के नवम भाव में सूर्य राहु युति होने से जातक को बहुत श्रेष्ठ फल मिलता है राहु के योग से जातक के शौर्य पराक्रम में वृद्धि होती है किन्तु सूर्य राहु का योग जातक के लिए कई समस्याएं लेकर भी आता है जातक के अपने पिता से संबंध खराब हो सकते हैं जातक के पिता के स्वास्थ्य में गिरावट सकती है नवम भाव में अगर सूर्य बलवान स्थिति में हैं तो जातक अपने आत्मविश्वास से हर तरह के तर्क वितर्क में विजय प्राप्त करेगा अगर इस भाव पर शनि जैसे अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो यह स्थिति जातक को बेहद अशुभ फल देने वाली सिद्ध होगी

जन्मकुंडली के दशम भाव में सूर्य राहु युति का प्रभाव -

जन्म कुंडली के दशम भाव में सूर्य राहु युति होने पर जातक समाज में मान सम्मान प्राप्त करने में सफल होगा जातक अपनी प्रखर बुद्धि से अपने कार्यक्षेत्र में नए पड़ावों पर पहुंचेगा इस योग के फलस्वरूप जातक सरकारी नौकरी या अन्य कोई उच्च पद प्राप्त कर सकता है यदि इस भाव पर गुरु जैसे शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ जाए तो यह योग जातक के लिए चारों ओर से तरक्की के द्वार खोलने वाला सिद्ध होगा हालांकि कुंडली के दशम भाव में सूर्य राहु का योग होने से जातक के मातापिता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है

जन्मकुंडली के एकादश भाव में सूर्य राहु युति का प्रभाव -

जन्म कुंडली के एकादश भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है लाभ भाव में सूर्य राहु युति होने से जातक अत्यधिक लाभ कमाने में सफल होता है धन अर्जन की दृष्टि से कुंडली के एकादश भाव में यह योग बेहद श्रेष्ठ फल प्रदान करने वाले सिद्ध होता है ।किन्तु बहुत अधिक धन मोह में पड़कर जातक अपने निजी रिश्तों को खराब कर सकता है संपन्नता आने से उसके अंदर अहंकार का भाव आएगा जो उसके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। कुल मिलाकर कुंडली में सूर्य राहु का योग धन लाभ की दृष्टि से श्रेष्ठ रहेगा किन्तु आपसी संबंधों के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता

जन्मकुंडली के द्वादश भाव में सूर्य राहु युति का प्रभाव -

सूर्य आत्मा का कारक है कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य राहु का योग जातक के लिए बहुत शुभ नहीं रहने वाला है यह जातक को किसी कानूनी मामले में उलझा सकता है और यह भी संभव है कि जेल यात्रा करा दे जातक अपने कार्यों से समाज में अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करेगा इस दौरान स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी जैसे रक्त चाप बढ़ना , नींद ना आना देखने को मिल सकती है धन के मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है

निष्कर्ष -

इस प्रकार से कहा जा सकता है कि जन्म कुंडली में सूर्य राहु का योग जातक को आध्यात्मिक रूप से कमजोर  कर देता है  भौतिक सुखों की तरफ अधिक लिप्त कर देता हैं  

जन्मकुंडली में सूर्य राहु युति का प्रभाव भाग-3

3 thoughts on “जन्मकुंडली में सूर्य राहु युति का प्रभाव भाग-3

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