हर कोई व्यापार यही सोच कर प्रारंभ करता है कि उसे धन लाभ होगा। व्यापार में हमेशा लाभ ही हो ऐसा संभव नहीं है, कभी कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है। लेकिन अगर यह नुकसान लंबे समय तक चल जाए तो व्यापार को समाप्त कर सकता है और व्यापारी के जीवन में कई आर्थिक समस्याएं खड़ी कर सकता है। कई बार वास्तु दोष के कारण भी जातक को व्यापार क्षेत्र में घाटे का सामना करना पड़ता है। आज हम इसी विषय पर बात करने जा रहे हैं।
आज के लेख में हम बात करने जा रहे हैं कि व्यापार में लाभ कमाने के लिए आपको वास्तु के किन नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए ?
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वास्तु दोष दूर करने के सरल उपाय –
व्यापार में घाटे से बचाने वाले वास्तु के सरल उपाय निम्नलिखित हैं-
- व्यापार में मुनाफा कमाने के लिए व्यापार स्थल के ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा को हमेशा खाली रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में उत्तर पूर्व दिशा को सर्वाधिक शुभ दिशा माना जाता है और मान्यता यह भी है कि उत्तर पूर्व दिशा की ओर से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है । अगर आप उत्तर पूर्व दिशा को खाली नहीं रखेंगे तो उस दिशा से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होगा, जिससे आपको व्यापार में नुकसान उठाना पड़ेगा । इसलिए व्यापार से जुड़े जातक उत्तर पूर्व दिशा का हिस्सा खाली करने का विशेष ध्यान रखें। ईशान कोण ना केवल खाली रखें बल्कि उसे पूरी तरह से साफ भी रखें।
- अपने कार्यालय में या दुकान में हमेशा मजबूत दीवार की ओर पीठ करके बैठना चाहिए। आपकी पीठ के पीछे कोई खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इसे अशुभ माना जाता है। इसलिए व्यापार में लाभ कमाने के लिए वास्तु की इस सिद्धांत का विशेष ध्यान रखें ।
- व्यापार स्थल पर ईशान कोण में भगवान की प्रतिमा अवश्य रखें। जिसमें आप गणेश जी व लक्ष्मी माता की प्रतिमा रख सकते हैं। दुकान या कार्यालय खोलते ही सबसे पहले पूजन करें । माँ लक्ष्मी की कृपा से आपको निश्चित रूप से धन लाभ होगा।
- उत्तर पूर्व दिशा में जूते चप्पल भूल से भी ना उतारें। इसे वास्तु शास्त्र में अशुभ माना गया है।
- व्यापार में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिन वस्तुओं की बिक्री आप पहले करना चाहते हैं, उन्हें हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए। वास्तु क्षात्र में उत्तर पश्चिम दिशा को वस्तुओं की बिक्री करने के लिए शुभ माना गया है।
- व्यापार स्थल पर बिजली संबंधित उपकरण हमेशा आग्नेय कोण यानि दक्षिण पूर्व दिशा में रखने चाहिए। वास्तु शास्त्र में आग्नेय कोण को इसके लिए शुभ माना गया है।
- अपने व्यापार की गद्दी पर बैठ कर कभी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए । वास्तु शास्त्र में ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि दुकान पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं तो दुकानदार अपनी गद्दी पर बैठ कर नींद लेने लगता है, वास्तु शास्त्र में ऐसा करना बहु अशुभ माना गया है। व्यापार की गद्दी पर बैठ कर सोने से आपको व्यापार में नुकसान हो सकता है।
- दुकान के धन रखने के स्थान को कभी पूरी तरह से खाली नहीं करना चाहिए। उसमें थोड़ा बहुत धन हमेशा रखा छोड़ देना चाहिए। ऐसा करने से जातक को धन लाभ होता है।
निष्कर्ष-
इस प्रकार से हमने जाना कि घाटे में चल रहे व्यापार को वास्तु में बताए गए सरल उपायों को अपना कर वापस से लाभ की पटरी पर लाया जा सकता है। अगर आप व्यापार क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो इन नियमों का अवश्य पालन करें।