किस कार्यक्षेत्र में आप सर्वाधिक सफल होंगे? जन्मकुंडली की मदद से जानें

किस कार्यक्षेत्र में आप सर्वाधिक सफल होंगे?

किस कार्यक्षेत्र में आप सर्वाधिक सफल होंगे?

हम में से कई लोग अपने जीवन में कई बार कार्यक्षेत्र बदलते रहते हैं । कभी नौकरी करते हैं , वहाँ मन नहीं लगा तो व्यापार शुरू करते हैं , एक व्यापार में असफल हुए तो अन्य कोई व्यापार प्रारंभ करते हैं । कुल मिलाकर उनके जीवन में आय का एक स्थायी स्रोत नहीं बन पाता है । लेकिन कितना अच्छा हो कि हमें आयु के प्रारम्भिक पड़ाव पर ही पता चल जाए कि हमारे लिए कौन सा कार्यक्षेत्र सबसे उपयुक्त रहने वाला है ? किस कार्यक्षेत्र में हम निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेंगे ? 

आज के लेख में हम जन्मकुंडली की मदद से इस प्रश्न का उत्तर ढूँढेंगे कि जातक को सर्वाधिक सफलता प्रदान करने वाला कार्यक्षेत्र कौन सा है ?

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श प्राप्त करें और अपनी राशि के अनुसार अपने पेशे और करियर के बारे में जानें।

जन्मकुंडली की मदद से कार्यक्षेत्र का चुनाव कैसे करें ?

जन्म कुंडली की मदद से कार्यक्षेत्र चुनने के लिए मुख्य रूप से तीन चीजों पर विचार किया जाता है । पहला, जन्म कुंडली का लग्न भाव , दूसरा ,जन्म कुंडली में सूर्य का स्थान और तीसरा, जन्म कुंडली में चंद्रमा का स्थान । लग्न भाव ,सूर्य भाव व चंद्र भाव के कोण के माध्यम से यह विचार किया जाता है कि जन्म कुंडली में इन तीनों में कौन सबसे अधिक बली है । इन तीनों में जो सर्वाधिक बली हो ,उसी के आधार पर कार्यक्षेत्र का चुनाव किया जाता है । 

जन्म कुंडली का जो भाव सबसे बली हो ,उससे दशम भाव के आधार पर कार्यक्षेत्र का विचार क्या जाता है । दशम भाव इसलिए क्योंकि जन्म कुंडली का दशम भाव कर्म भाव माना जाता है । मान लीजिए कोण के आधार पर विचार करने पर जन्म कुंडली में लग्न भाव सर्वाधिक बली पाया जाता है तो लग्न भाव से दसवें भाव यानि कर्म भाव में जो ग्रह होगा ,उसके अनुसार कार्यक्षेत्र का चुनाव करना शुभ माना जाता है ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में सूर्य -

जन्म कुंडली के सूर्य भाव में सूर्य देव के होने से जातक को अपने पिता का विशेष सहयोग मिलेगा । ऐसे जातक को कार्यक्षेत्र के लिए सरकारी नौकरी का प्रयास अवश्य करना चाहिए । ऐसा जातक अगर पूरी निष्ठा से सरकारी नौकरी पाने के लिए परिश्रम करे तो निश्चित रूप से किसी बड़े प्रशासनिक पद को प्राप्त करने में सफल रहेगा ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में चंद्र -

जन्म कुंडली के कर्म भाव में अगर चंद्र देव विराजमान हों तो ऐसे जातक को अपनी माता से विशेष सहयोग प्राप्त होगा । कार्यक्षेत्र के चुनाव में माता की विशेष भूमिका रहेगी ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में मंगल -

जन्म कुंडली के कर्म भाव में मंगल के होने से जातक को शारीरक बल व पौरुष से जुड़े हुए कार्यों में सफलता मिलती है । ऐसे क्षेत्रों में सैन्य बल ,पुलिस बल आदि शामिल हैं ।ऐसे जातक भूमि के क्रय व विक्रय का कार्य भी सफलतापूर्वक कर सकते हैं ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में बुध -

जन्म कुंडली के कर्म भाव में बुध के होने से जातक को व्यापार क्षेत्र चुनने से अत्यधिक सफलता मिल सकती है । इसके अलावा ऐसा जातक लेखन के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकता है। जातक के कार्यक्षेत्र में मित्रों का विशेष सहयोग प्राप्त होगा ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में गुरु -

जन्म कुंडली के कर्म भाव में गुरु के होने से जातक बौद्धिक कार्यों के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा । ऐसा जातक शिक्षण का कार्य करके भी सफलता प्राप्त कर सकता है ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में शुक्र -

शुक्र कला के कारक ग्रह हैं । कर्म भाव में शुक्र के होने से जातक को कला का क्षेत्र चुनना चाहिए जिससे वो अत्यधिक सफलता प्राप्त कर सके । इसके अलावा शुक्र के होने से जातक को स्त्री पक्ष से विशेष लाभ मिलता है ।

जन्मकुंडली के कर्म भाव में शनि -

जन्म कुंडली के कर्म भाव में शनि के होने से जातक को नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलेगी ।

निष्कर्ष -

इस प्रकार से हमने जन्म कुंडली की मदद से अपने लिए सफल कार्यक्षेत्र का चुनाव करना सीखा । आप भी अपनी जन्मकुंडली की मदद से अपने लिए श्रेष्ठ कार्यक्षेत्र चुन सकते हैं ।

किस कार्यक्षेत्र में आप सर्वाधिक सफल होंगे? जन्मकुंडली की मदद से जानें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top