त्रिशूल का नाम सुनते ही सबसे पहले भोले बाबा के हाथ में त्रिशूल वाली तस्वीर हमारे ध्यान में आती है। लेकिन अगर यही त्रिशूल हमारे हाथ में हो तो क्या होगा? अरे नहीं , असली वाला त्रिशूल नहीं, बल्कि हम बात कर रहे हैं हथेली में बने त्रिशूल चिन्ह की।
इसके पहले के लेखों में हम हथेली में बनने वाले कई चिन्हों के फलों को जान चुके हैं। उसी कर्म में आज हम हथेली में बनने वाले त्रिशूल चिन्ह के बारे में जानने वाले हैं।
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आज के लेख में हम जानने वाले हैं कि हथेली में त्रिशूल किस स्थान पर बनता है? हथेली में बना त्रिशूल चिन्ह जातक को कैसा फल देता है? किस स्थान पर बना त्रिशूल चिन्ह सर्वाधिक शुभ माना जाता है?
त्रिशूल का अर्थ व त्रिशूल चिन्ह का स्थान-
त्रिशूल शब्द त्रि + शूल से मिल कर बना हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है -तीन प्रकार के दुख या कष्ट । अब सवाल ये है कि तीन प्रकार के कष्ट कौन से हैं? तो ये निम्नलिखित हैं –
- शारीरिक कष्ट
- आध्यात्मिक कष्ट
- भौतिक या सांसारिक कष्ट
संसार में जो भी कष्ट हैं सब इन्हीं तीनों कष्टों के अंदर पाए जाते हैं । त्रिशूल हथेली के किसी भी स्थान पर बन सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि हथेली में बना त्रिशूल चिन्ह जातक को तीनों तरह के दुख देता होगा । तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। होता ये है कि त्रिशूल चिन्ह तीनों प्रकार के दुखों को करने का व उनका नाश करने का काम करता है। हथेली में बना त्रिशूल चिन्ह जातक के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ये चिन्ह जिस पर्वत पर होता है उसकी शक्तियों में तीन गुना वृद्धि कर देता है।
बृहस्पति पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
इस पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक की क्षमताओं में कई गुना वृद्धि करता है। जातक का वैवाहिक जीवन बहुत अधिक सुखमय हो जाता है। ऐसा जातक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करने की क्षमता रखता है। सामाजिक कार्यों में व्यक्ति की सक्रियता बढ़ जाती है और वो समाज के लिए कुछ अच्छे व आवश्यक कार्य करने में सफल होता है।
शनि पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
शनि पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक के लिए आर्थिक दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। धन प्राप्त करने के साथ साथ ऐसा जातक समाज में सम्मान व प्रतिष्ठा हासिल करने में कामयाब रहता है क्योंकि त्रिशूल चिन्ह जिस पर्वत होता है उसके फलों में तो वृद्धि करता ही है , उसके आसपास के पर्वतों के फल में भी वृद्धि कर देता है।
सूर्य पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
सूर्य पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक की नेतृत्व क्षमताओं में आश्चर्यजनक वृद्धि कर देता है। ऐसे जातक अगर राजनीति से जुड़े हुए हैं तो उन्हें अत्यधिक सफलता मिलती है। साथ ही जातक को भारी मात्रा में लोगों का समर्थन प्राप्त होता है।
बुध पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
बुध पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक को व्यापार के क्षेत्र में जबरदस्त तरक्की प्रदान करता है। इसके अलावा शोध से जुड़े क्षेत्र व वाणी से जुड़े क्षेत्र में जातक को खूब सफलता मिलती है।
मंगल पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
मंगल पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक के साहस में असामान्य वृद्धि कर देता है। ऐसा व्यक्ति अपने आत्मविश्वास की बदौलत जीवन की हर समस्या से पार पा लेता है।
चंद्र पर्वत पर बने त्रिशूल चिन्ह का फल-
चंद्र पर्वत पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक को मानसिक रूप से सुदृढ़ बना देता है। ऐसे जातक की कल्पनाशक्ति कमाल की होती है।
निष्कर्ष-
इस प्रकार से हमने जाना कि हथेली में किसी भी स्थान पर बना त्रिशूल चिन्ह जातक के लिए बेहद शुभ फलदायी होता है।
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