facebook

जानें आपकी कुंडली का प्रथम भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

कुंडली का प्रथम भाव

ज्योतिष शास्त्र ऐसा विज्ञान है जिससे आपके जन्म समय और स्थान के अनुसार आपके भूत, वर्तमान एवं भविष्य तीनों का आकलन किया जा सकता है। आपकी कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं। प्रत्येक भाव का विशेष महत्व होता है। लेकिन इन सभी भावों में सबसे महत्वपूर्ण है कुंडली का प्रथम भाव। इस भाव को लग्न भाव भी कहा जाता। इस लेख में जानें आपकी कुंडली के प्रथम भाव से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। 

अपनी समस्याओं पर सर्वोत्तम मार्गदर्शन के लिए ज्योतिष भविष्यवाणी प्राप्त करें और संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी द्वारा विस्तार से जानें।

आपकी कुंडली में प्रथम भाव क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जन्म के समय, पूर्व क्षितिज पर जो राशि उदय होती है वही व्यक्ति की लग्न राशि होती है। उदाहरण के लिए व्यक्ति के जन्म के समय यदि मकर राशि उदय होती है तो व्यक्ति का लग्न मकर राशि का होगा। जिसका तात्पर्य है की व्यक्ति के लग्न भाव में मकर राशि होगी।

प्रथम भाव के गुण क्या है?

किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व एवं उसके स्वभाव को जानने के लिए आपकी कुंडली के लग्न भाव को देखा जाता है। आपके लग्न भाव से ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आपके विचार किस तरह के होंगे, आप किस तरह के लोगों के साथ रहना पसंद करेंगे, आपके जीवन में क्या चीजें महत्वपूर्ण होंगी आदि। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि आपका पूरा जीवन आपके लग्न से निर्धारित किया जा सकता है। यदि लग्न भाव में शुभ ग्रह विराजमान हैं या इस पर शुभ ग्रहों का प्रभाव है तो व्यक्ति दयालु प्रकृति का रहेगा। वह दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहेगा। वह अपने साथ साथ समाज कल्याण के बारे में सोचना। वहीं क्रूर ग्रहों की इस भाव पर दृष्टि व्यक्ति को भी क्रूर, मतलबी और घमंडी भी बना सकती है।

आपकी कुंडली का प्रथम भाव आपके मन एवं आपकी चेतना पर भी गहरा प्रभाव डालता है। प्रथम भाव की स्थिति का आकलन कर के यह बात पता की जा सकती है कि व्यक्ति को किस तरह के शौक होंगे। इसके साथ ही शरीर की रूपरेखा के बारे में भी इसी भाव से जानकारी मिलती है। कुंडली का लग्न भाव आपकी आयु के बारे में भी बताता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी की व्यक्ति की कुंडली में सूर्य, शनि, चंद्रमा लग्न भाव के स्वामी है और मजबूत अवस्था में विराजमान है तो वह व्यक्ति दीर्घायु हो सकता है। 

कुंडली के प्रथम भाव से जानें आपके जीवन की जानकारी

लग्न भाव का सम्बन्ध आपकी बुद्धि कौशल से भी होता है। यदि लग्न भाव शुभ ग्रहों के प्रभाव में है तो ऐसा व्यक्ति को स्पष्ट नीति रखने वाला हो सकता है। ऐसा व्यक्ति अच्छी तार्किक क्षमता का धनी हो सकता है। इसके साथ ही प्रथम भाव से यह भी पता चलता है कि व्यक्ति का प्रारंभिक जीवन कैसा रहा होगा। इसके साथ ही समाज में आपकी स्थिति का भी इसी से पता लगाया जा सकता है। 

कुंडली के प्रथम भाव से खुद को जानें

लग्न भाव की राशि के स्वामी के गुणों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम करे तो वह उन्हें पा सकता है। उदाहरणार्थ यदि आपका लग्न यदि धनु राशि का है तो आपके लग्न का स्वामी ग्रह बृहस्पति होगा। जिसके मुख्य गुण सहनशीलता, अध्यापन, परामर्शदाता आदि हैं। ऐसे में यदि व्यक्ति खुद में इन गुणों को लाने की कोशिश करे तो उसे जीवन में अपार सफलता प्राप्त होगी। उसे मनचाहा फल प्राप्त होगा। स्पष्ट तौर पर यह भाव खुद की खोज का भाव भी है। इसीलिए कुंडली के सभी भावों में से सबसे महत्वपूर्ण  प्रथम भाव को माना गया है।  

हमारे इस लेख को पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि कुंडली में प्रथम भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप भी अपनी कुंडली में स्थित प्रथम भाव में विराजमान राशि का आकलन करके काफी कुछ पता कर सकते हैं। अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते है

जानें आपकी कुंडली का प्रथम भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
Scroll to top