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उंगलियों में चक्रों के प्रकार व उनसे प्राप्त होने वाले फल

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हथेली में बनने वाली तमाम रेखाओं व चिन्हों के बारे में हम अभी तक काफी कुछ जान चुके हैं। आज का विषय रेखाओं व चिन्हों से थोड़ा अलग है। आज हम उंगली में बनने वाले चक्रों के विषय में बात करने जा रहे हैं। 

आज के लेख में हम जानेंगे कि उंगलियों में बनने वाले चक्र कितने प्रकार के होते है? चक्र किस स्थान पर होते हैं व अलग अलग स्थानों पर बनने वाले चक्रों के फल में क्या अंतर होता है?

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चक्र क्या होता है? व किस स्थान पर होता है?

गोल घुमावदार आकृति को चक्र कहा जाता है। कई गोल रेखाएं मिल कर चक्र का निर्माण करती हैं। चक्र उंगली के किसी भी स्थान पर पाया जा सकता है । इसका कोई एक निश्चित स्थान नहीं होता है।

उंगली में बनने वाले चक्रों के विभिन्न आकार-

उंगली में बनने वाले चक्र कई प्रकार के होते हैं । मूलतः इनका आकार एक दूसरे से भिन्न होता है। उंगली में बनने वाले चक्रों के कुछ आकार निम्नलिखित हैं –

  1. कुछ चक्र ऐसे होते हैं जो अपने मध्य भाग से घुमाव ले कर बनते हैं। ऐसे चक्र दोषरहित होते हैं । हश्र रेखा शास्त्र में इस प्रकार का चक्र सबसे अधिक शुभ माना गया है। 

 

  1. दूसरे प्रकार के चक्र छोटे से वृत्त से शुरू होते हैं। ऐसे चक्र अंदर अंदर से बंद होते हैं। इस प्रकार का चक्र बहुत शुभ नहीं माना जाता है। 

 

  1. कुछ चक्रों में बहुत अधिक टेढ़ी मेढ़ी रेखाएं भी देखने को मिलती हैं। ऐसे चक्र को सबसे कम प्रभावशाली माना जाता है। 

 

  1. कुछ चक्र इस प्रकार से बने होते हैं कि उनको देख कर उनकी दिशा का पता लगाना मुश्किल होता है। उनमें आधा वृत्त एक दिशा में तो आगे का आधा वृत्त दूसरी दिशा में घूमता दिखाई देता है। 

 

  1. कुछ चक्र शंख के आकार के भी होते हैं । ये आधे चक्र व आधे शंख जैसे दिखते हैं। 

 

  1. एक चक्र ऐसा भी होता है जो काफी छोटे वृत्तों से मिलकर बना होता है। ऐसा चक्र अंदर से पूरी तरह बंद होता है। 

आकार के आधार पर चक्रों का फल-

ऊपर बताए गए चक्रों के आधार पर उनके फल भी एक दूसरे से अलग होते हैं । आकार के आधार पर चक्रों के फल निम्नलिखित हैं –

  1. पहले आकार का चक्र बहुत शुभ माना जाता है। जिस जातक की उंगली में इस आकार का चक्र हो वो जातक वैचारिक रूप से समृद्ध होता है। हथेली के जिस पर्वत से जुड़ी उंगली पर यह चक्र बनता है, उस पर्वत से जुड़े ग्रह को मजबूती प्रदान करता है। 

 

  1. अगर चक्र के अंदर छोटा सा वृत्त बना हुआ है तो ऐसे जातकों का स्वभाव संकोची होता है। यह लोग अभिव्यक्ति के मामले में पीछे रह जाते हैं जिसका नुकसान इन्हें उठाना पड़ता है। 

 

  1. टेढ़ी मेढ़ी रेखाओं से बना चक्र जातक के विचारों में अस्पष्टता ला देता है। विचारों में स्पष्टता ना होने से आत्मविश्वास में कमी आ जाती है। 

 

  1. उल्टी सीधी दिशा में बना चक्र मानसिक रूप से अशांत करने वाला होता है। ऐसा चक्र होने पर जातक एक जगह पर ध्यान केंद्रित कर पाने में असमर्थ रहता है। 

 

  1. शंख के आकार वाला चक्र भी जातक के लिए शुभ माना जाता है। 

 

  1. ऐसा कहके जो काफी सारे वृत्तों से मिल कर बना हो, जातक को अत्यधिक आत्म केंद्रित बना देता है। 

उंगली में चक्र होने का सर्वाधिक शुभ स्थान-

उंगली के पौरों के मध्य भाग यानि एकदम बीचों बीच में चक्र अपना पूरा प्रभाव देता है। ऊपरी या निचले भाग में पाए जाने वाले चक्र कम प्रभावी माने जाते हैं। 

निष्कर्ष-

इस प्रकार से हमने चक्रों के विभिन्न आकार व आकार के आधार पर चक्रों से प्राप्त होने वाले फलों का विस्तार से विश्लेषण किया।

उंगलियों में चक्रों के प्रकार व उनसे प्राप्त होने वाले फल
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