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हथेली में प्रमुख रेखाएं ना होने पर क्या होता है ?

हथेली में प्रमुख रेखाएं ना होने पर क्या होता है ?

“हाथों की लकीरों पर मत जाना, नसीब उनका भी होता है जिनके हाथ नहीं होते”, ये पंक्तियाँ आपने जरूर पढ़ी या सुनी होंगी ।  लेकिन इसके पीछे का सच क्या है ? हमारी हथेली में जीवन के हर पहलू को बताने के लिया एक रेखा होती है किन्तु अगर किसी व्यक्ति की हथेली से प्रमुख रेखाएं गायब हों तो क्या होगा ? मान लो अगर विवाह रेखा गायब है तो क्या उस व्यक्ति का विवाह नहीं होगा ? अगर किसी व्यक्ति की हथेली से हृदय रेखा गायब हो तो क्या उस व्यक्ति के पास हृदय नहीं होगा?

आज के लेख में हम जानेंगे कि हथेली में रेखाएं कम होने या प्रमुख रेखाओं के ना होने से व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

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हथेली की प्रमुख रेखाएं - 

हथेली की तीन रेखाओं को प्रधान रेखा माना जाता है । ये तीनों रेखाएं निम्नलिखित हैं –

  1. जीवन रेखा 
  1. मस्तिष्क रेखा 
  1. हृदय रेखा 

ये तीन ऐसी रेखाएं जिनकी मदद से व्यक्ति अपने भविष्य के विषय में बहुत कुछ जान सकता है । 

हथेली में रेखाओं का ना होना -

हथेली में रेखाएं ना होने का अर्थ है कि या तो कुछ रेखाएं कम हैं या फिर सभी प्रमुख रेखाएं गायब हैं । हालांकि सामान्य स्थिति में व्यक्ति की हथेली में कम से कम से 3 प्रधान रेखाएं , जिनका ऊपर उल्लेख हुआ है, अवश्य होती हैं किन्तु कुछ ऐसी दुर्लभ परिस्थितियाँ भी देखी गई हैं जिसमें व्यक्ति के हाथ में 3 प्रधान रेखाएं भी नहीं होती हैं । अब दो सवाल हमारे सामने उठते हैं कि अगर हाथ में केवल तीन प्रधान रेखाएं ही हों तो क्या होता है ? और दूसरा सवाल कि अगर हाथ में तीन प्रधान रेखाएं भी ना हों तो क्या होता है ?

हथेली की रेखाएं कम या ज्यादा होने के पीछे की वजह -

शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि हमारे हाथ की रेखाओं के कम या ज्यादा होने के पीछे हमारे मस्तिष्क का हाथ होता है । जो व्यक्ति अपने मस्तिष्क का उपयोग ज्यादा करता है, उसके हाथ में अधिक रेखाएं पाई जाती हैं और जो व्यक्ति अपने मस्तिष्क का उपयोग कम करता है ,उसके हाथ में कम रेखाएं पाई जाती हैं । कहने का अर्थ है जो व्यक्ति चिंतक स्वभाव के हैं या बौद्धिक कार्यों में संलग्न हैं ,उनके हाथ में रेखाओं की अधिकता होती है ।

हथेली में कम रेखाएं होने का फल -

अगर व्यक्ति की हथेली में केवल तीन प्रधान रेखाएं हैं तो ऐसे व्यक्ति का जीवन सुखमय रहने वाला है । लेकिन इसके लिए आपको कुछ और बातों का भी ध्यान रखना है कि रेखाएं बहुत स्पष्ट व दोषरहित होनी चाहिए । रेखाएं सही स्थान पर होनी चाहिए व इसके अलावा हथेली के पर्वत भी सही स्थान पर व सही उभार लिए हुए होने चाहिए । ऐसी तीन दोषरहित रेखाएं अगर आपकी हथेली में हैं तो आप बिना किसी तनाव के एक आनंदमय जीवन व्यतीत कर सकेंगे ।
अगर यही तीन रेखाएं दोषपूर्ण स्थिति में हों तो व्यक्ति का जीवन संघर्षमय हो जाएगा । हालांकि यह संघर्ष मानसिक स्तर पर नहीं होगा क्योंकि कम रेखाएं होने का अर्थ ही यही है कि व्यक्ति अपने मस्तिष्क का बहुत अधिक उपयोग नहीं कर रहा है ।

अगर व्यक्ति के हाथ में प्रमुख तीन रेखाएं भी पूरी नहीं हैं तो इस स्थिति को शास्त्रों में अशुभ माना गया है । अगर व्यक्ति के हाथ में हृदय रेखा नहीं है तो इससे उसके आपसी संबंध कमजोर होंगे तो वही जीवन रेखा के ना होने पर व्यक्ति के पारिवारिक संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा । इसके अलावा अगर मस्तिष्क रेखा हथेली से गायब है तो व्यक्ति की वैचारिक क्षमता कमजोर हो सकती है ।

निष्कर्ष -

इस प्रकार से हमने हथेली में कम रेखाओं के होने से व्यक्ति के जीवन में पड़ने वाले प्रभावों का विस्तार से विश्लेषण किया ।

हथेली में प्रमुख रेखाएं ना होने पर क्या होता है ?
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