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ज्योतिष में सुनफा योग क्या है?

ज्योतिष में सुनफा योग क्या है?

ज्योतिष के कई योगों के बारे में हम इसके पहले के लेखों में बात कर चुके हैं । कई योग जातक के लिए राजयोग का काम करते हैं तो कई योग जातक के लिए दुर्योग बन कर सामने आते हैं । आज हम ज्योतिष के ऐसे ही योग सुनफा योग के बारे में बात करने जा रहे हैं । 

आज के लेख में हम जानेंगे कि सुनफा योग क्या होता है ? सुनफा योग कैसे बनता है ? साथ ही यह भी जानेंगे कि सुनफा योग जातक के लिए शुभ होता है या अशुभ ?

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हथेली में सुनफा योग कैसे बनता है ?

आज हम जन्म कुंडली में नहीं बल्कि हथेली में बनने वाले सुनफा योग के बारे में बात करने जा रहे हैं । हथेली में सुनफा योग दो स्थितियों में बनता है और वो दोनों स्थितियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. पहली स्थिति यह है कि जातक की हथेली में सूर्य पर्वत, शनि पर्वत व बुध पर्वत पूर्ण रूप से विकसित व उभरे हुए होने चाहिए । 
  2. तीनों पर्वतों के अलावा तीनों रेखाएं यानि सूर्य रेखा, शनि रेखा व बुध रेखा सुस्पष्ट व दोष रहित होनी चाहिए । 

जिस जातक की हथेली में सूर्य पर्वत, शनि पर्वत व बुध पर्वत पूरी तरह से विकसित हो व सूर्य रेखा, शनि रेखा व बुध रेखा स्पष्ट व दोष मुक्त हो , उस जातक की हथेली में सुनफा योग होता है । सुनफा योग के लिए हथेली में सूर्य रेखा, बुध रेखा व शनि रेखा का आपस में संबंध होना आवश्यक शर्त है ।

हथेली में सुनफा योग का फल -

हथेली में सुनफा योग जातक को मेहनती बनाता है । ऐसा जातक अपनी मेहनत से अपने कार्यक्षेत्र में सफल होता है व समाज में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब होता है । मेहनत के चलते ऐसे जातक के जीवन में धन की कोई कमी नहीं रहती है । अपनी समझ व स्पष्ट सोच की मदद से ऐसे जातकों द्वारा लिए गए अधिकांश निर्णय सही साबित होते हैं । अपने सही निर्णयों का चलते ऐसे जातक अपने जीवन में खूब सफलता प्राप्त करते हैं जिससे उनका जीवन शांतिमय व सुखमय बीतता है । 

यहाँ पर एक बात ध्यान देने योग्य है कि जिन तीन रेखाओं के सहयोग से हथेली में सुनफा योग बनता है, उनमें से अगर कोई रेखा अधिक स्पष्ट हो और कोई रेखा कम स्पष्ट हो तो इससे जातक को प्राप्त होने वाले फलों में अंतर देखने को मिलता है । आगे हम यही जानने वाले हैं कि कौन सी रेखा अधिक स्पष्ट होने पर कैसा फल प्रदान करती है ?

बुध रेखा व बुध पर्वत का फल -

सुनफा योग की तीनों रेखाओं में अगर बुध रेखा व बुध पर्वत अधिक विकसित व सुस्पष्ट हो तो ऐसा जातक कला से जुड़े क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करता है । बुध वाणी के कारक ग्रह हैं । समस्त कलाएं वाणी पर ही आधारित है । यहाँ तक कि मौन रहना भी एक प्रकार की अभिव्यक्ति ही मानी जाती है । इसलिए ऐसा जातक लेखन के क्षेत्र, अभिनय के क्षेत्र आदि में अत्यंत सफल होता है ।

सूर्य रेखा व सूर्य पर्वत का फल-

अगर सुनफा योग में सूर्य रेखा व सूर्य पर्वत मजबूत स्थिति में हो तो ऐसा जातक अपने जीवन में किसी ऊंचे पद को प्राप्त करने में सफल रहता है ।ऐसे जातक सामान्य परिस्थितियों से निकल कर अपने जीवन में बहुत बड़ा मुकाम बनाते हैं ।

शनि रेखा व शनि पर्वत का फल-

सुनफा योग में शनि रेखा व शनि पर्वत के अधिक शक्तिशाली होने से जातक अपनी बौद्धिक क्षमता से धन संपदा प्राप्त करने में सफल रहता है ।

निष्कर्ष -

निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि ज्योतिष में सुनफा योग को बेहद शुभ योग माना जाता है । जिस जातक की हथेली में सुनफा योग होता है, उसे चारों ओर से लाभ ही लाभ होता है ।

ज्योतिष में सुनफा योग क्या है?
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