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बिना जिम जाए योग से बनाए शारीरिक और मानसिक सेहत

योग

आजकल व्यक्ति धन कमाने के लिए दिन रात लगा रहता है और वो दिन भर में इतना व्यस्त रहता है कि उसे अपने सेहत के लिए थोडा सा भी समय निकालने के लिए सोचना पड़ता है। जिम जाकर एक्सरसाइज कर पाना सभी के लिए पॉसिबल नही है लेकिन हाँ योग करना सबके लिए पॉसिबल है। योग करने के लिए आपको  कही भी जाने की जरुरत नही है बस आपको अपने व्यस्तम समय से मात्र 15 मिनट से लेकर आधा घंटा या 1 घंटा निकालने की जरुरत है। दिन भर का सिर्फ इतना सा समय आपके काम करने की  क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा और आप बहुत सारा काम करने भी तनावग्रस्त नही होंगे। योग से आपको कैसे कैसे फायदे होंगे(benefits of yoga) ये जानने से पहले ये जान लेते हैं आखरी योग क्या है।

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‘युज’ एक संस्कृत शब्द है जिसे योग शब्द बना है। योग अपने आप में सम्पूर्ण विज्ञान है। योग व्यक्ति के मन, शरीर, आत्मा और ब्रह्मांड को एकसार करता है। योग का अर्थ है व्यक्तिगत चेतना को आत्मा से मिलाना।योग  5000 साल से भी ज्यादा पुरानी पद्धति है। सालो पहले इसे शरीर और मन को तंदुरस्त रखने के लिए अपनाया जाता था। आजकल फिर से योग के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़ी है। योग सिर्फ भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण दुनियां में किया जा रहा है। अब वैज्ञानिक भी योग के महत्व को समझ चुके है और उनके द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि योग व्यक्ति के लिए सिर्फ शारीरिक रूप से नही बल्कि मानसिक रूप से भी लाभकारी है।

‘युज’ एक संस्कृत शब्द है जिसे योग शब्द बना है। योग अपने आप में सम्पूर्ण विज्ञान है। योग व्यक्ति के मन, शरीर, आत्मा और ब्रह्मांड को एकसार करता है। योग का अर्थ है व्यक्तिगत चेतना को आत्मा से मिलाना।योग  5000 साल से भी ज्यादा पुरानी पद्धति है। सालो पहले इसे शरीर और मन को तंदुरस्त रखने के लिए अपनाया जाता था। आजकल फिर से योग के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़ी है। योग सिर्फ भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण दुनियां में किया जा रहा है। अब वैज्ञानिक भी योग के महत्व को समझ चुके है और उनके द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि योग व्यक्ति के लिए सिर्फ शारीरिक रूप से नही बल्कि मानसिक रूप से भी लाभकारी है।

‘युज’ एक संस्कृत शब्द है जिसे योग शब्द बना है। योग अपने आप में सम्पूर्ण विज्ञान है। योग व्यक्ति के मन, शरीर, आत्मा और ब्रह्मांड को एकसार करता है। योग का अर्थ है व्यक्तिगत चेतना को आत्मा से मिलाना।योग  5000 साल से भी ज्यादा पुरानी पद्धति है। सालो पहले इसे शरीर और मन को तंदुरस्त रखने के लिए अपनाया जाता था। आजकल फिर से योग के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़ी है। योग सिर्फ भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण दुनियां में किया जा रहा है। अब वैज्ञानिक भी योग के महत्व को समझ चुके है और उनके द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि योग व्यक्ति के लिए सिर्फ शारीरिक रूप से नही बल्कि मानसिक रूप से भी लाभकारी है।

योग क्या है? (What is yoga)

‘युज’ एक संस्कृत शब्द है जिसे योग शब्द बना है। योग अपने आप में सम्पूर्ण विज्ञान है। योग व्यक्ति के मन, शरीर, आत्मा और ब्रह्मांड को एकसार करता है। योग का अर्थ है व्यक्तिगत चेतना को आत्मा से मिलाना।योग  5000 साल से भी ज्यादा पुरानी पद्धति है। सालो पहले इसे शरीर और मन को तंदुरस्त रखने के लिए अपनाया जाता था। आजकल फिर से योग के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़ी है। योग सिर्फ भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण दुनियां में किया जा रहा है। अब वैज्ञानिक भी योग के महत्व को समझ चुके है और उनके द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि योग व्यक्ति के लिए सिर्फ शारीरिक रूप से नही बल्कि मानसिक रूप से भी लाभकारी है।

योग के फायदे (Benefits of Yoga)

योग के फायदे होंगे यदि उसे रोज नियमित रूप से किया जाए। योग से होने वाले फायदों से व्यक्ति की उम्र के साथ साथ क्षमता भी बढती है। योग स्त्री पुरुष, बच्चे सभी कर सकते है। इसको करने के लिए उम्र की कोई बाधा नही है। योग के फायदों को जानकार आपको पता चल जाएगा कि योग करने वालो और योग न करने वालो की सेहत में कितना फर्क होता है और योग करने से आपका जीवन कितना शांत और सुखमय हो जाएगा, क्योकि कहते हैं ना, “मन चंगा तो तन चंगा और मन और तन चंगा तो सब चंग”।

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सालो पहले से हिन्दू धर्म के लोग रत्नों को पहनते आ रहे हैं। रत्नशास्त्र के अनुसार कुल मिलाकर 84 उपरत्न और 9 रत्न होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से सम्बन्ध होता है। मुख्यत: पुखराज, मूंगा रत्न(moonga ratna),मोती,पन्ना,हीरा और माणिक रत्न प्रचलित हैं जिन्हें ज्यादातर पहना जाता है लेकिन रत्न हर कोई धारण नही कर सकता है। व्यक्ति अपने ग्रह के आधार पर ही रत्न धारण कर सकता है। विद्वानों के अनुसार यदि व्यक्ति अपने ग्रह के हिसाब से रत्न धारण करेगा तो वो जीवन में तरक्की और सफलता हासिल करेगा अन्यथा उसे नुक्सान भी हो सकते हैं और ये नुक्सान सिर्फ शारीरिक और आर्थिक ही नही बल्कि मानसिक भी सकते हैं। 

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ज्योतिषाचार्य ग्रह से होने वाले अशुभ प्रभावों को कम या ख़त्म करने के लिए और शुभ ग्रहों के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए नवरत्न धारण करने को कहते हैं। इन नवरत्नों से कुंडली में जिस तत्व की कमी होती है, उसको पूरा करने की सम्भावना बढ़ जाती है। रत्नों से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। 

कुछ लोग अलग अलग ज्योतिषों के पास जाते हैं तो उनके द्वारा सुझाए गए अलग रत्नों को धारण कर लेते हैं। वो इन्हें धारण करके सोचते हैं इन सभी रत्नों का उन्हें लाभ मिलेगा लेकिन ऐसा नही है। ऐसा करने से आप नुकसान झेल सकते है। ऐसा इसलिए क्योकि जितने भी रत्न हैं वो किसी विशेष के साथ अगर पहना जाए तो ही लाभ देता है। यदि व्यक्ति ने अज्ञानता वश शत्रु ग्रहों के रत्न एक साथ पहन लिया तो उन्हें सिर्फ शारीरिक ही नही बल्कि मानसिक, आर्थिक परेशानियाँ भी झेलनी पड़ सकती है। शत्रु ग्रह के रत्न पहनकर व्यक्ति का कई बार व्यवहार और स्वभाव भी बदल जाता है जिसके चलते उसके अपने दोस्तों, परिवार और कार्यस्थल पर सम्बन्ध बिगड़ने लगते हैं।

सभी नवग्रह रत्नों में से मोती रत्न और मूंगा रत्न असल में जैविक हैं। रत्नशास्त्र अनुसार मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न है, जो आक्रामक और क्रूर माना जाता है वही मोती रत्न को शांत और शीतल माना जाता है क्योकि इस रत्न का स्वामी चंद्रमा है। इन दोनों को व्यक्ति एक साथ इसलिए धारण करता है ताकि उसे स्वामी ग्रह से लाभ मिले।

मूंगा रत्न को पहनने से होने वाले लाभ (moonga ratna ke fayde)

  • जो व्यक्ति अपनी राशि अनुसार मूंगा रत्‍न पहनता है उसे समाज में बहुत मान सम्मान मिलता है और साथ ही उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
  • चूँकि मूंगा रत्न का स्वामी मंगल ग्रह है, इसे पहनने से व्यक्ति निर्भय और साहसी होता है।
  • इसे पहनकर व्यक्ति अपने आप में जोश, उमंग और उत्साह महसूस करता है।
  • मूंग रत्न का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में होता है।

योग करने के शारीरिक फायदे (physical benefits of yoga)

  • योग करने से ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल में रहता है।
  • व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है और छोटी मोटी बीमारियों से व्यक्ति बच जाता है।
  • नियमित योग से व्यक्ति के हृदय गति में सुधार आता है।
  • योग करने से वीर्य रक्षा होती है और युवा जवान बना रहता है।
  • सम्पूर्ण शरीर में लचीलापन आ जाता है। 
  • योग से व्यक्ति के फेफड़े और दिल को ताकत मिलती है और खून भी शुद्ध हो जाता है।
  • योग से व्यक्ति की मांसपेशियों को ताकत मिलती है।
  • योग करने से एथलेटिक पहले से ज्यादा मेहनत कर पाता है जिससे उसका प्रदर्शन पहले के मुकाबले कई गुना सुधर जाता है।
  • योग नियमित और सही तरीके से करने से रीढ़ की हड्डी और मेरुदण्ड में लचीलापन आएगा।
  • योग से साँस लेके की प्रक्रिया में सुधार आएगा।
  • योग से व्यक्ति ऊर्जावान महसूस करेगा।
  • योग करने से व्यक्ति का वजन ही कम होगा।
  • हड्डियों के लिए नियमित रूप से योग करना बहुत अच्छा होता है।
  • व्यक्ति के शरीर से आलस दूर भाग जाता है और वो फुर्ती से दिन की शुरुवात करता है।
  • योग से व्यक्ति के शरीर के हर अंग में ब्लड रोटेशन अच्छे से चलता है।
  • योग नियमित रूप से करने से व्यक्ति का पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
  • नियमित रूप से योग करने से छोटी मोटी बीमारियाँ जैसे कमर दर्द, पैरो में जकडन, एसिडिटी आदि परेशानियाँ दूर हो जाती है।
  • योग से शरीर का हर अंग अपना काम सही तरीके से करने लग जाता है।
योग करने से होने वाले मानसिक लाभ (Mental Benefits of Yoga)
  • योग से सिर्फ शारीरिक ही नही बल्कि मानसिक लाभ भी मिलते है। 
  • योग करने से व्यक्ति का तनाव दूर होता है और वो मानसिक रूप से तंदरुस्त हो जाता है।
  • योग में मानसिक शांति मिलती है।
  • योग और ध्यान नियमित करने से व्यक्ति की एकाग्रता और याददाश्त तेज होने लगती है।
  • व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है जिस वजह से व्यक्ति को रात में नींद न आने की परेशानी भी दूर हो जाती है।
  • योग करने से व्यक्ति का मन प्रसन्न और तरोताजा रहता है।
  • योग और ध्यान से व्यक्ति को मिलने वाली मानसिक शांति से वो अपने सभी काम अच्छे से और काम और जीवन से जुड़े सही फैसले लेने में सक्षम हो जाता है। 
  • योग से स्ट्रेस कम होते होते ख़तम हो जाता है।
  • योग करने से दिमाग तेज होता है और व्यक्ति पहले के मुकाबले ज्यादा शांत और खुश रहने लगता है।
  • योग नियमित करने से दिमाग में आने वाले बुरे ख्याल भी दूर भागने लगते हैं क्योकि योग मानसिक रूप से व्यक्ति को स्ट्रोंग बना देता है।
योग करने का सही समय और सही स्थान (Best time for Yoga)

जैसा आप सभी जानते हैं यदि कोई भी काम उसके समय पर न किया जाए तो उसे फायदे न होकर नुक्सान होने लगते है। कुछ लोग सोचते हैं क्या योग कभी भी किया जा सकता है या योग करने का कोई सही समय भी होता है। जी हाँ, योग करने का सही समय और सही स्थान होता है। चलिए हम आपको इस विषय में जानकारी दे देते हैं।

  • योग करने के लिए सुबह का समय सबसे बेस्ट माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया के बाद योग करना अच्छा माना जाता है। 
  • सुबह नाश्ता करने से पहले योग करना चाहिए और योग और नाश्ते के समय में थोडा अन्तराल होना भी जरुरी है। खाना खाने के बाद योग नही करना चाहिए।
  • व्यक्ति को सुबह समय न मिले तो शाम को योग कर सकता है लेकिन बस एक बात का ध्यान रहे आपका पेट उस समय खाली होना चाहिए अर्थात शाम के भोजन से पहले योग किया जाना चाहिए।
  • योग और खाना खाने में कम से दो से तीन घंटे का अन्तराल होना चाहिए।
  • जहाँ आप योग कर रहे हैं वो जगह साफ़ और हवादार होनी चाहिए। ऐसी जगह पर योग न करे जहाँ डिस्टर्बेंस हो।

योग के फायदे (benefits fo yoga)हमे इसे नियमित रूप से करने के लिए प्रेरित करते हैं। क्या आप भी नियमित रूप से योग करते है और आपको योग से क्या क्या फायदे हुए, हमे कमेंट करने बताए।

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