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आपकी जन्मकुंडली में कौन सा ग्रह है बलवान ? - Blog

आपकी जन्मकुंडली में कौन सा ग्रह है बलवान ?

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हमारी जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन को निर्धारित करती है । कोई ग्रह हमें बेहद शुभ फल देने वाला होता है तो वहीं इसके विपरीत कोई ग्रह हमारे जीवन में बाधा उत्पन्न कर देता है । आज हम बात करने वाले हैं कि जन्म कुंडली में मजबूत होने की स्थिति में कौन सा ग्रह किस प्रकार का फल प्रदान करता है । 

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जन्मकुंडली में सूर्य बलवान हो –

सूर्य सभी ग्रहों के राजा व सम्पूर्ण जगत को प्रकाश देने वाले हैं । यदि आपकी जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति बलशाली है तो आप अपनी मेहनत से अपने समाज को सूर्य की तरह प्रकाशित करेंगे । वहीं सूर्य का बुध से योग होने पर आपको विद्या, बुद्धि व वाणी की प्राप्ति होगी । सूर्य का चंद्र के साथ मिलन आपकी कुंडली में बहुत ही शुभ राजयोग बनाता है । सूर्य देव जब गुरु देव से मित्रता करते हैं तो हमारे यश, सम्मान व प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होती है । 

जन्मकुंडली में चंद्रमा बलवान हो- 

चंद्र देव हमारे मन के स्वामी होते हैं । यदि हमारी जन्म कुंडली में चंद्रमा मजबूत स्थिति में हो तो हमारा मन विपरीत परिस्थितियों में भी शांत रहकर बेहतरीन निर्णय ले पाने में सक्षम होता है । चंद्रमा हमारी मानसिक स्थिति को सुदृढ़ करता है और मानसिक रूप से सबल व्यक्ति अपने जीवन में क्या कुछ नहीं कर सकता । इसलिए चंद्रमा के बलवान होने से व्यापार, शिक्षा, आपसी संबंध सब कुछ बेहतरी की ओर अग्रसर होता है । 

जन्मकुंडली में मंगल बलवान हो – 

मंगल शौर्य, साहस, आत्मविश्वास और पौरुष के प्रतीक हैं । जन्म कुंडली में मंगल के मजबूत स्थिति में होने पर जातक का साहस, आत्मविश्वास सातवें आसमान पर पहुँच जाता है । ऐसे लोग शारीरिक कार्यों वाले क्षेत्र में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं जैसे – सैन्य बल, कृषि क्षेत्र, आदि । मंगल अगर बुध के साथ मित्र हों तो जातक को व्यापार में अत्यधिक लाभ प्रदान करते हैं । मंगल का गुरु के साथ योग आपके अंदर रचनात्मक विकास करता है । 

जन्मकुंडली में बुध बलवान हो – 

ग्रहों के राज दरबार में बुध को युवराज यानि राजकुमार की पदवी दी गई है । बुध वाणी व कला क्षेत्र के स्वामी हैं । जन्म कुंडली में बुध बलवान होने से जातक कला के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करता है । वहीं अगर बुध का गुरु के साथ योग बन जाए तो सोने पर सुहागा वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है । ऐसी स्थिति में जातक बौद्धिक कौशल वाले सारे कार्यों में दक्षता हासिल करने में कामयाब होता है । 

जन्मकुंडली में बृहस्पति बलवान हो – 

बृहस्पति सबसे शुभ ग्रहों में गिने जाते हैं । जन्म कुंडली में बृहस्पति के बलवान से जातक का चहुँमुखी विकास होता है । जातक कार्यक्षेत्र में प्रगति करता है , सामाजिक प्रतिष्ठा हासिल करता है । बृहस्पति जातक को दीर्घायु करते हैं । बुध जैसे शुभ ग्रह से योग होने पर जातक के जीवन में हर दिशा से खुशहाली आती है । 

जन्मकुंडली में शुक्र बलवान हो – 

शुक्र देव सौन्दर्य व ललित कलाओं के स्वामी हैं । शुक्र के बलवान होने से जातक रचनात्मक कार्यों में अधिक रुचि लेता है । चंद्रमा व मंगल के योग से जातक अपने व्यापार में सफलता प्राप्त करता है व उसे धन संपदा की प्राप्ति होती है । बृहस्पति व शुक्र के योग से जातक की विद्वत्ता में वृद्धि होती है । 

जन्मकुंडली में शनि बलवान हो – 

वैसे तो सामान्य मत है कि जन्म कुंडली में शनि के बलवान होने से जातक को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है किन्तु दो ग्रह बुध और बृहस्पति ऐसे हैं जिनके साथ योग होने पर शनि जातक को शुभ फल प्रदान करता है । बुध व शनि के योग से जातक धन प्राप्त करने में सफल होता है और बृहस्पति व शनि के योग से जातक के यश व सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है । 

निष्कर्ष – 

इस प्रकार हमने जन्म कुंडली में ग्रहों के बलवान होने पर मिलने वाले फलों के बारे में जाना । इसके अलावा एक ग्रह के अन्य ग्रह के साथ योग होने पर जातक के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को भी विस्तार से विवेचन किया ।

आपकी जन्मकुंडली में कौन सा ग्रह है बलवान ?

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