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जानिए तिरुपति बालाजी के बारे में कुछ अद्भुत बातें - Blog

जानिए तिरुपति बालाजी के बारे में कुछ अद्भुत बातें

तिरुपति बालाजी

तिरुपति बालाजी मंदिर वो धाम है जहाँ पर हर रोज लाखो की तादात में लोग तिरुपति बालाजी के दर्शन करते आते हैं। कहते हैं वहां जाने वाले हर भक्त की मुराद जरुर पूरी होती है। ये अलौकिक मंदिर आंध्रप्रदेश में स्थित है। जब भी कोई वहां जाता है वहां एक आवाज गूंजती हुई सुनता है, गोविंदा गोविंदा। ये तीर्थ भारत के प्रमुख तीर्थो में से एक है। आप लोगो की आस्था का इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि तिरुपति बालाजी पर रोज बड़ी संख्या में दान चढ़ाया जाता है। खूबसूरत तिरुमला पहाड़ियों में बना बालाजी का ये धाम एक न एक बार जरुर जाना चाहिए। आज की पोस्ट में हम इस अद्भुत मंदिर के बारे में अद्भुत बातें बताने वाले हैं, इसलिए पोस्ट के अंत तक जरुर बने रहे।

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तिरुपति बालाजी की अद्भुत बातें

  • ऐसा माना जाता है एक बार मंदिर में स्थित बालाजी के बालस्वरूप की ठोड़ी से रक्त बह रहा था। उस वक्त से लेकर आज तक उनकी ठोड़ी पर पंडितो द्वारा चन्दन का लेप लगाया जाता है। ये परम्परा तब से चली आ रही है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी कि तिरुपति बालाजी के बाल कभी भी उलझते नही है और इन ही उसमें गुत्थिया पड़ती हैं। उनके बाल  हमेशा ही ताजे रहते हैं। उनके बाल बहुत सॉफ्ट और रेशम जैसे हैं।
  • इस मंदिर धाम से करीबन 23 किलोमीटर दूर एक गाँव है। इस गाँव में बाहर से आए किसी भी व्यक्ति का आना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि इस गाँव के लोग एक दिनचर्या फॉलो करते हैं और बालाजी भगवान् को जो फूल अर्पित किए जाते हैं वो यही से आते हैं। इसके अलावा उन्हें अर्पित किए जाने वाली चीजे जैसे घी, दूध और मक्खन भी यही से आता है।
  • जब आप भगवान् बालाजी को दाई ओर से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि बालाजी भगवान् की मूर्ति दाई ओर खड़ी है लेकिन जब आप इसे बाहर से देखेंगे तो ऐसा लगेगा मानो भगवान् की मूर्ति किसी गर्भग्रह के बीच खड़ी है।
  • बालाजी की मूर्ति को नीचे धोती से सजाया जाता है और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है।
  • इस मंदिर के गर्भग्रह में अर्पित की जाने वाली हर चीज को पंडित उसके पीछे बने एक कुंड में विसर्जित कर देते हैं, वो भी बिना देखे। इसमें जो चीज डाली जाती है वो 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती है। 
  • भगवान् बालाजी की पीठ कभी भी सुखी हुई नही होती है बल्कि हमेशा ही गीली रहती है। आप इसे जितनी बार भी पोछकर सुखा दें, वो फिर से गीली हो जाएगी। 
  • आप वहां पर जब खड़े होंगे तो आपको वहां पर समुद्र की लहरों की मधुर ध्वनी सुनाई देगी।
  • इस धाम में माँ लक्ष्मी बालाजी भगवान के वक्स्थल में निवास करती हैं।
  • इस धाम में भगवान का श्रंगार पुरुष और स्त्री दोनों रूप में होता है क्योकि भगवान् बालाजी के साथ माँ लक्ष्मी हमेशा होती है।
  • भगवान् बालाजी की प्रतिमा बहुत आकर्षक है। ये मूर्ति पत्थर से बनी है लेकिन कई बार ऐसा प्रतीत हुआ है कि ये मूर्ति नही बल्कि जीवंत ईश्वर हैं। ऐसा लगता है वेंकटेश्वर बालाजी स्वयं वहां पर विराजित हैं। कई बार देखा गया है कि उनकी प्रतिमा पर पसीने की कुछ बूँदें होती हैं। उनकी पसीने की बूंदों के कारण यहाँ के प्रशासन की पूरी कोशिश होती है कि मंदिर का तामपान ठंडा रहे।
  • बालाजी मंदिर में एक दिया जगता रहता है। कहते हैं वो दिया अखंड है और वो कभी नही बुझता। सबसे आश्चर्य की बात ये है कि इस दिए में कभी भी घी या तेल डाला नही जाता है। घी और तेल न डालने के बाद भी आज भी ये दिया जल रहा है और ये कब से जल रहा है और इसे किसने जलाया ये आजतक किसी को नही पता है।
  • भगवान् को पचाई कपूर लगाया जाता है। कहते हैं ये कपूर जिस भी पत्थर पर लगाया जाए उस पत्थर में कुछ देर के लिए दरार पडती है, लेकिन जब बालाजी की प्रतिमा पर ये कपूर लगाया जाता है तब मूर्ति पर ऐसा कुछ नही होता है। 
  • इस मंदिर में एक छड़ी साथ रखी हुई है। विद्वानों के अनुसार ये वो छड़ी है जिससे बचपन में उनकी पिटाई हुई थी। ये भी माना जाता है इसी छड़ी से उनको ठुड्डी में चोट लगी थी। तब से उनको ठुड्डी पर चंदन का लेप लगाने की परंपरा चली आ रही है।

क्या आप कभी तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन करने गए हैं और अगर गए हैं तो आपका अनुभव कैसा रहा?

जानिए तिरुपति बालाजी के बारे में कुछ अद्भुत बातें
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