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गणेश मंत्र जानें नियम, महत्व और लाभ - Blog

गणेश मंत्र जानें नियम, महत्व और लाभ

गणेश मंत्र

गणपति बाप्पा मोरया।हिन्दू धर्म में गणेश मन्त्र का बड़ा ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गणेश मन्त्र का जाप जो व्यक्ति मन से और पूरी श्रद्धा से करता है उसके सभी दुःख दूर हो जाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी पुकारा जाता है। हिन्दू धर्म अनुसार कोई भी पूजा करते समय सबसे पहले गणेश जी का आह्वान किया जाता है। उनकी पूजा अर्चना करने के बाद दूसरे देवी देवताओं का पूजन किया जाता है। हिन्दू धर्मं में कोई भी शुभ अवसर हो घर ख़रीदा हो, विवाह हो या कोई भी शुभ कार्य सबसे पहले गणपति जी को ही पूजा जाता है। शिवजी ने गणेश जी को ये वरदान किया था कि सभी देवताओं से पहले यदि किसी की पूजा होगी वो तुम्हारी होगी।इसी कारण गणपति की आराधना और मंत्रो का श्रद्धा से उच्चारण करने का बहुत महत्व है।गणेश जी को बुद्धि और सुख समृद्धि के देव के रूप मे भी पूजन होता है।

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आज की पोस्ट में हम आपको गणेश जी के मन्त्र को करने का सही तरीके और उससे होने वाले लाभ के बारे में बताएँगे इसलिए पोस्ट के अंत तक जरुर बने रहे।

गणेश जी कैसे प्रकट हुए और उनके मन्त्र की उत्पत्ति किस तरह हुई

हिन्दू धर्म शास्त्रों अनुसार माता पार्वती स्नान करने जा रही थी तब द्वार पर रखवाली करने के लिए माँ ने गणेश जी को स्वयं अपने हाथो से बनाया। फिर गणेश को द्वार पर पहरा देने की आज्ञा दी और कहा कि किसी को भी अन्दर आने मत देना। माँ पार्वती उन्हें ऐसी आज्ञा देकर स्नान करने चली गयी। तभी वहां पर शिवजी आए। गणेश जी ने उन्हें अन्दर जाने से रोका और कहा कि माता ने आज्ञा दी है कि किसी को भी अन्दर न जाने दिया जाए। शिवजी ने कहा वो उनके पति हैं, लेकिन फिर भी गणेश जी ने उन्हें अन्दर जाने नही दिया। तब शिवजी क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी का सिर धड से अलग कर दिया। जब माता पार्वती उनकी चीख बाहर आई तब अपने पुत्र की दशा देखकर रोने लगी और क्रोध में आ गयी। तब उन्होंने शिवजी से उन्हें पुन: जीवित करने को कहा। शिवजी ने अपने सेवको को उनका सिर खोजकर लाने को कहा। उनके सेवको को उनका सिर नही मिला, तब उन्होंने एक हाथी के बच्चे का सिर काटा और शिवजी के पास ले गए। शिवजी ने वही सिर गणेश जी के धड से जोडकर उन्हें जीवित कर दिया। तब पार्वती माता ने उनसे कहा कि आपने मेरे पुत्र को हाथी का सिर दे दिया,अब सब उनका परिहास करेगे तब शिवजी ने गणेश जी को आशीर्वाद किया कि सभी देवताओं से पहले गणेश जी की पूजा की जाएगी। तब से लेकर आज तक सबसे पहले विनायक गणेश जी की पूजा सबसे पहले होती आ रही है।

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गणेश मन्त्र

मन्त्र- 

श्री गणपति मंत्र – ॐ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।

जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है तब शुरवात में यही मन्त्र का जाप किया जाता है क्योकि ऐसा माना जाता है कि सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करके कोई काम शुरू किया जाता है तो उसमें सफलता अवश्य  मिलती है।

मन्त्र –

ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।

गणेश जी के इस महामंत्र के जाप से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

श्री गणेश बीज मंत्र –

ॐ गं गणपतये नमः ।।

इस मन्त्र के उच्चारण और जप से व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त होता है और उसकी बुद्धि तीव्र हो जाती है। 

गणेश मन्त्र करने समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए?

  • मन्त्र जाप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तुलसी या रुद्राक्ष माला की पहले शुद्धि करे और फिर जाप शुरू करे।
  • नित्य कर्म के बाद स्नान करने साफ़ सुथरे कपडे पहनकर फिर जाप करे।
  • जमीन पर आसान बिछाएं और गणेश मन्त्र शुरू करने से पहले धूप दीप अगरबत्ती जरुर जगाए।
  • पहले गणेश जी का स्मरण करे और फिर गणेश मन्त्र बोले।
  • आप जिस कार्य के पूरे होने के लिए गणेश मन्त्र कर रहे हैं उसको ध्यान में रखकर संकल्प जरुर लें।
  • आसान पर वज्रासन मुद्रा में बैठे।
  • ऐसी मान्यता है कि यदि गणेश मन्त्र ब्रह्म वेला में जपा जाए तो विशेष लाभ मिलते हैं।
  • आप एक जगह और समय निश्चित कर ले फिर उसकी का पालन करते हुए रोज गणेश मन्त्र का जप करे।
  • उस स्थान को मन्त्र जाप के लिए चुने जो शांत और साफ़ हो।
  • मन में या बहुत धीमी आवाज में मन,आत्मा और शुद्धता से गणेश मन्त्र का उच्चारण करे।
  • सबसे पहली बार करते समय जितने दिन गणेश मन्त्र करने का संकल्प किया था वो जरुर पूरा करे।
  • मन्त्र जाप करते समय मॉस, मदिरा, क्रोध, द्वेष की भावना से दूर रहे।
  • जब भी जप करने बैठे आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यदि किसी वजह से पूर्व दिशा में नही बैठ सकते हैं तो उत्तर दिशा में भी बैठ सकते हैं।
  • मन्त्र करते समय अपने सामने गणेश का चित्र या मूर्ति जरुर रखे।

गणेश मन्त्र के लाभ

ऐसी मान्यता है कि गणेश वंदना के बिना हर पूजा अधूरी है। इस मन्त्र को करने से निम्न लाभ होते हैं-

  • गणेश मन्त्र से व्यक्ति का मन और दिमाग शांत रहता है।
  • इससे व्यक्ति की एकाग्रता बढती है।
  • व्यक्ति को मन्त्र के प्रभाव से भौतिक लाभ मिलने लगते है । 
  • इस मन्त्र से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम सही होने लगते हैं।
  • इस मन्त्र के प्रभाव से व्यक्ति के रिश्ते सुधरने लगते हैं।
  • नियमित रूप से गणेश मन्त्र करने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ रहता है।

क्या आप भी रोज गणेश मन्त्र का जप करते हैं और अगर करते हैं तो आप कितने समय के लिए करते हैं?

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