Notice: Function is_home was called incorrectly. Conditional query tags do not work before the query is run. Before then, they always return false. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 3.1.0.) in /home/l93y487memcp/public_html/alokastrology.com/blog/wp-includes/functions.php on line 6121
सुंदरकांड के पाठ का तरीका, नियम और शुभ फल - Blog

सुंदरकांड के पाठ का तरीका, नियम और शुभ फल

सुंदरकांड के पाठ

रामभक्त और संकटमोचन हनुमान जी हिन्दू धर्म के देवता है जिन्हें समस्त हिन्दू धर्म के लोग नियमित रूप से पूजते हैं। मंगलवार के दिन को इनके पूजन को सर्वोतम माना जाता है। हिन्दू धर्म अनुसार यदि व्यक्ति नियमित रूप से विधि विधान से बजरंगबली का पूजन करे तो उसकी सभी विपात्तियां दूर हो जाएगी और उसे मनोवांछित फल प्राप्त होगा। शास्त्रों अनुसार पवनपुत्र हनुमान अमर हैं और आज भी इस धरती पर मौजूद हैं। हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सुन्दरकाण्ड के पाठ से महाबली अपने भक्तो से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। 

अपनी सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त करे विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल जी से ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श बुक करें.

सुन्दरकाण्ड किस दिन किया जाना चाहिए

धर्म के अनुसार व्यक्ति सुन्दरकाण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवार को कर सकता है। ये दो दिन शुभ माने जाते हैं, वैसे तो आप रोज भी सुन्दरकाण्ड पढ़  सकते हैं।

सुन्दरकांड के पाठ का तरीका

  • सुबह सवेरे नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान करे और साफ़ कपडे पहने।
  • अपने सामने साफ़ चौकी रखो और उस पर साफ़ कपडा बिछाकर श्री राम और उनके भक्त हनुमान जी की मूर्ति या फोटो स्थापित करे और उन्हें माला और फूलों से सजाएँ।
  • अब सर्वप्रथम गणेश जी का आह्वान करे और फिर भोलेनाथ, श्री राम और संकटमोचन हनुमान जी का ध्यान करे
  • अब एक कटोरी में सिन्दूर डाले और उसमें थोडा सा चमेली का तेल डाले और मिक्स करे। अब इस सिंदूर से बजरंग बलि को तिलक लगाए।
  • अब बजरंग बलि के चरणों में पीपल के 7 पत्ते अर्पित करे।
  • अब दिए में घी डाले और उसे प्रजव्लित करे। पूरे सुन्दरकाण्ड में इस बात का ध्यान रखे कि दिया जगता रहे।
  • अब हनुमान जी को गुड चना, फल और मिठाई का भोग चढाएं। 
  • अब अपने पितरो और गुरूजी का ध्यान करे और उन्हें नमस्कार करे।
  • अब सर्वप्रथम गणपति जी की स्तुति करे।
  • अब बजरंग बलि के प्रभु श्री राम का पूजन करे। 
  • अब सुन्दरकाण्ड का पाठ पूरी श्रद्धा से प्रारंभ करे।
  • जब सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड हो जाए उसके बाद बजरंग बलि जी की आरती गाए।
  • अब प्रभु श्री राम की आरती गाए।
  • अब देवताओं का आह्वान करे और उनको सम्मान के साथ और श्रद्धा के साथ विदा करे।
  • अब सबको आरती दें और हनुमान जी का प्रसाद सबको वितरित करे।

यह भी पढ़ें – रामायण की प्रमुख चौपाई और उनके अर्थ

सुंदरकांड के नियम

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुंदरकांड प्रभात वेला अर्थात सुबह 4 बजे से लेकर 6 बजे के बीच किया जा सकता है, लेकिन यदि आप समूह में पाठ कर रहे हैं या करा रहे हैं तो आप शाम के वक्त भी सुन्दरकाण्ड का पाठ करवा सकते हैं।
  • पाठ सुबह शाम कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे के बीच कभी भी सुन्दरकाण्ड का पाठ न करे।
  • पाठ के बीच उठकर न जाए और गपशप भी न करे।
  • इस दिन नॉन वेज और शराब को हाथ न लगाए।
  • इस दिन न बाल कटवाएं और न ही नाख़ून काटें।
  • इस दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • इस दिन कैंची या चाकू या कोई और धारधार चीज़ न ख़रीदे।
  • लाल रुमाल जेब में रखना शुभ माना जाता है।
  • सुन्दरकाण्ड के बाद गरीब को खाना खिलाना शुभ माना जाता है।
सुंदरकांड का महत्‍व और लाभ
  • इस धार्मिक पुस्तक में श्री राम की महिमा और उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय गाथा का खूबसूरत वर्णन है।
  • सुन्दरकाण्ड के पाठ से व्यक्ति को बल और शक्ति मिलती है। हनुमान जी को याद करते ही उनके भक्त का सब डर दूर हो जाता है और उनमें ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है।
  • इस पाठ के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन से और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
  • इस पाठ से व्यक्ति के मन में आत्मविश्वास जाग जाता है और उसके बिगड़े काम भी बन जाते हैं।
  • मनोवैज्ञानिकों ने माना की सुन्दरकाण्ड के पाठ से उसके सभी भक्तो की इच्छाशक्ति कई गुना बढ़ जाती है। ये पाठ उन्हें प्रेरणा देता है कि व्यक्ति को कभी भी हार नही माननी चाहिए। उनके अनुसार यदि व्यक्ति किसी बढ़ी परीक्षा को देने से डर रहा है तो उसे सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए।
  • धर्म शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति के ऊपर साढ़ेसाती चल रही हो वो अगर नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करेगा उसके ऊपर से शनि की महादशा दूर होने लगेगी।
  • सुंदरकांड का पाठ विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि वो इसे रोज मन से करेगे तो उनमें अन्दर भरपूर आत्मविश्वास आ जाएगा जो उन्हें आगे बढने में मदद करेगा।
  • जो सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के साथ साथ उसकी पंक्तियों के अर्थ को भी समझ जाते हैं उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाने के सूत्र पता चल जाते हैं। 
  • जो व्यक्ति नियमित रूप से सुन्दरकाण्ड का पाठ करता है उसकी कुंडली में यदि कोई अशुभ ग्रह का दुष्प्रभाव है तो वो भी दूर होने लगता है।
  • इसके पाठ से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
  • जो रोज सुन्दरकाण्ड का पाठ करते हैं उनके दिल से डर और भय दूर हो जाता है।
  • इस पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होने लगती है जिससे घर में क्लेश और झगड़े की जगह प्रेम और आपसी तालमेल ले लेता है।

आप भी रोज सुन्दरकाण्ड का पाठ जरुर करे या सभी बंधू बांधवों सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करवाएं।

यह भी पढ़ें – नौकरी या व्यवसाय ? जानें आपके लिए क्या है सही ?

सुंदरकांड के पाठ का तरीका, नियम और शुभ फल
Scroll to top