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क्या होता है 36 का आँकड़ा ? अंक ज्योतिष की मदद से जानें। - Blog

क्या होता है 36 का आँकड़ा ? अंक ज्योतिष की मदद से जानें।

क्या होता है 36 का आँकड़ा ? अंक ज्योतिष की मदद से जानें।

36 का आँकड़ा , इसके बारे में सभी ने कभी ना कभी अवश्य सुन होगा । प्रायः दो व्यक्तियों के बीच अच्छे संबंध ना होने पर इस कथ्य का प्रयोग किया जाता है कि उन दोनों के बीच 36 का आँकड़ा है या फिर इनका उनसे 36 का आंकड़ा है । इस तरह की बातें हम सबने सुनी होंगी । लेकिन क्या हम इसका सही अर्थ जानते हैं ? क्या 36 का मतलब दुश्मनी या वैमनस्य है ? 

इस लेख में हम जानेंगे कि अंक ज्योतिष 3 और 6 अंक के विषय में क्या कहता है ? क्या अंक ज्योतिष में भी अंक 36 को शत्रुता का कारक माना गया है ?या 3 और 6 आपस में मिलकर शुभ योग बनाते हैं ?

36 के विषय में समझने के लिए हमें सबसे पहले अंक ज्योतिष में अंक 3 और अंक 6 के महत्व हो समझना होगा । इसके पश्चात अंक 3 और अंक 6 के मिलन से उत्पन्न होने वाली स्थिति पर विचार किया जाएगा ।

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ज्योतिष में अंक 3 का महत्व -

अंक 3 के स्वामी बृहस्पति देव हैं । बृहस्पति ज्ञान, बुद्धि, तर्क के कारक ग्रह हैं। इन्हें समस्त देवताओं का गुरु माना जाता है । कोई भी देवता अगर आपको खराब फल दे रहे हैं तो बृहस्पति की मदद से उनको नियंत्रित किया जा सकता है जिससे आपको शुभ फल प्राप्त हो सके । अंक 3 के लिए वास्तु में उत्तर-पूर्व दिशा शुभ मानी गई है । 

बृहस्पति आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाले ग्रह हैं । अंक 3 की राशि धनु व मीन होती है । अंक 3 वाले जातकों के लिए सबसे शुभ दिन बृहस्पतिवार माना गया है । अंक 3 के लिए शुभ धातु स्वर्ण बताई गई है व शुभ रंग पीला व हल्का गुलाबी बताया गया है । 

ज्योतिष में अंक 6 का महत्व -

अंक 6 के स्वामी शुक्र देव हैं । शुक्र देव को असुरों का गुरु माना जाता है । शुक्र भोग विलास, ऐश्वर्य, प्रेम, सौन्दर्य व समस्त सांसारिक सुखों के कारक ग्रह हैं । शुक्र जातक को भूमि,भवन, वाहन का सुख प्रदान करते हैं । अंक 6 वैभव का अंक होता है । यह धन की देवी माँ लक्ष्मी का अंक माना जाता है । अंक 6 के जातक बाह्य सुंदरता पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
शुक्र कला क्षेत्र के स्वामी हैं और असली कलाकार वही है जो प्रस्तुति देते समय स्वयं को भी भूल जाए । सरल शब्दों में कहा जाए तो एक सफल कलाकार एक सफल छद्मकार भी होता है ।

अंक ज्योतिष के अनुसार 36 का आँकड़ा क्या है

  1. अब तक हम जान चुके हैं कि अंक ज्योतिष में अंक 3 और अंक 6 का क्या महत्व है । अब दोनों अंकों को मिलाने पर क्या होता है , यह बात कुछ बिंदुओं के माध्यम से समझ लेते हैं -अंक 3 के देवता बृहस्पति हैं जो देवताओं के गुरु हैं तो वहीं अंक 6 के स्वामी शुक्र देव हैं जो दैत्यों के गुरु है । बहुत स्पष्ट है कि देवताओं के गुरु और दानवों के गुरु में मित्रता तो संभव नहीं है । इसलिए 3 और 6 अंक के मिलने पर खींचतान होने की पूरी संभावना होती है । 
  2. गुरु आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाले ग्रह हैं तो वहीं शुक्र सांसारिक सुख प्रदान करते हैं । दोनों एक दूसरे से विपरीत फल देते हैं इसलिए 3 और 6 अंक का मिलन सुखद नहीं माना जाता है । 
  3. जिन जातकों के स्वामी गुरु हैं ऐसे जातक बहुत ही बुद्धिमान व सुलझे हुए होते हैं । वहीं जिन जातकों के गुरु शुक्र हैं ऐसे जातक भी बुद्धिमान तो होते हैं किन्तु ये लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुँचाने में करते हैं। इसलिए दोनों अंकों वाले जातकों के मध्य मित्रवत साझेदारी नहीं चल पाती है। 
निष्कर्ष -

इस प्रकार से हमने जाना कि 3 और 6 अंक एक ही परिवार के होते हुए भी एक दूसरे से बहुत अलग हैं इसीलिए 36 अंक को शत्रु के रूप में देखा जाता है।

क्या होता है 36 का आँकड़ा ? अंक ज्योतिष की मदद से जानें।

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