अपने पिछले लेख में हमने उंगलियों में बनने वाले चक्रों के बारे में विस्तार से जान चुके हैं। आज भी हम चक्रों की बात करने जा रहे हैं लेकिन अलग स्थान पर। आज हम हथेली के पर्वतों पर बनने वाले चक्रों एक विषय में जानने वाले हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि पर्वतों पर बनने वाले चक्रों का हस्त रेखा शास्त्र में क्या महत्व होता है? अलग अलग पर्वतों पर बने चक्र जातक को कैसा फल प्रदान करते हैं? इसके अलावा यह भी जानेंगे कि किस पर्वत पर बना चक्र सर्वाधिक शुभ माना जाता है?
शास्त्रों में चक्र को बहुत शुभ माना गया है। जिस जातक के हाथ में या पैर में चक्र होता है, उसे शास्त्रों में देव तुल्य यानि देवता के समान संज्ञा दी गई है। लेकिन जब हम पर्वत पर बने चक्र की बात करते हैं तो उस पर्वत की स्थिति महत्वपूर्ण हो जाती है जिस पर चक्र बना हुआ है। पर्वत की स्थिति के अनुसार ही चक्र भी अपना फल देता है।
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चक्र का कार्य –
चक्र का कार्य शक्तियों को एक जगह केंद्रित करना होता है। मान लीजिए चक्र किसी शुभ पर्वत पर बना है तो वह चक्र उस पर्वत की शुभ शक्तियों का केन्द्रीकरण कर देगा और अगर वही चक्र किसी ऐसे पर्वत पर बना हो जो जातक के लिए शुभ ना हो, तो वह नकारात्मक या अशुभ शक्तियों का केन्द्रीकरण कर देगा। इसलिए चक्र के फल का विचार करते समय उसके स्थान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है।
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शुक्र पर्वत पर बने चक्र का फल-
अगर हथेली के शुक्र पर्वत पर चक्र बना हो तो ऐसे जातकों को कला व संगीत में विशेष रुचि होती है। अगर ऐसा जातक कला के क्षेत्र से जुड़ा हुआ हो तो उसे अपने कार्यक्षेत्र में खूब सफलता मिलती है। इसके अलावा ऐसे जातकों का वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय रहता है। स्त्री पक्ष से विशेष लाभ प्राप्त करने में जातक सफल रहता है। सौन्दर्य से जुड़े उत्पादों का व्यवसाय करने से ऐसे जातकों को खूब धन लाभ होता है।
मंगल पर्वत पर बने चक्र का फल-
मंगल पौरुष व साहस के कारक ग्रह हैं। मंगल पर्वत पर चक्र होने से जातक को मंगल से प्राप्त होने वाली शक्तियों में वृद्धि होती है। ऐसे जातक खेल कूद के क्षेत्र में, सैन्य बलों के क्षेत्र में व अन्य शारीरिक बल से संबंधित क्षेत्रों में अत्यधिक सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे जातक असफल होने पर भी कभी हार नहीं मानते और जीत जाने तक प्रयत्न जारी रखते हैं।
बृहस्पति पर्वत पर बने चक्र का फल-
बृहस्पति ज्ञान के कारक ग्रह हैं। हथेली के इस पर्वत पर बना चक्र जातक को आध्यात्मिक ज्ञान की ओर उन्मुख करता है। शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में ऐसे जातक विशेष रूप से सफलता प्राप्त करते हैं।
शनि पर्वत पर बने चक्र का फल-
शनि पर्वत पर बना चक्र जातक को अत्यधिक धन लाभ प्रदान करता है। ऐसे जातक का आध्यात्म की ओर झुकाव देखने को मिलता है।
सूर्य पर्वत पर बने चक्र का फल-
सूर्य आत्मविश्वास के कारक ग्रह हैं। सूर्य पर्वत पर बना चक्र जातक की नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करता है। ऐसा जातक नेतृत्व से जुड़े क्षेत्रों में अत्यंत सफल होता है।
बुध पर्वत पर बने चक्र का फल-
बुध व्यापार के कारक ग्रह है। जिन जातकों के बुध पर्वत पर चक्र बना हो, ऐसे जातक व्यापार में खूब सफल होते हैं।
चंद्र पर्वत पर बने चक्र का फल-
चंद्र पर्वत पर बना चक्र जातक की कल्पना शक्ति को बढ़ा देता है। ऐसे जातक लेखन के क्षेत्र में अत्यधिक सफलता प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष –
इस प्रकार से हमने हथेली के सभी पर्वतों पर चक्र के होने से प्राप्त होने वाले फलों का विस्तार से विश्लेषण किया।