जन्म कुंडली में ग्रहों की दृष्टि का विशेष महत्व होता है । यदि कोई शुभ ग्रह आपकी कुंडली पर दृष्टि रखता है तो आपको शुभ फल प्राप्त होता है तो वहीं किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ने से आपके जीवन कोई परेशानी आ सकती है । आज हम बात करने जा रहे हैं कि अगर आपकी जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में किसी ग्रह की दृष्टि पड़ती है तो वो आपके जीवन में किस तरह का प्रभाव डालता है । चतुर्थ भाव जातक की माँ का भाव होता है । इस भाव से समाज में आपके मान सम्मान का विचार किया जाता है । यश अपयश भी इसी भाव से जुड़े होते हैं ।
चतुर्थ भाव पर सूर्य की दृष्टि का प्रभाव –
सूर्य का प्रभाव पड़ने से जातक के मातृत्व सुख में कमी आ सकती है । जातक समाज में यश पाने में सफल रहेगा । घर के वातावरण में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है ।
चतुर्थ भाव पर चंद्रमा की दृष्टि का प्रभाव –
चंद्रमा की दृष्टि पड़ने से जातक के मातृत्व सुख में वृद्धि होगी । ऐसा जातक बड़े भू भाग का स्वामी होगा और अपने परिश्रम से सब कुछ हासिल करने में सफल रहेगा । ऐसे लोगों को मुसीबत के समय में अपने मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा ।
चतुर्थ भाव पर मंगल की दृष्टि का प्रभाव –
मंगल की दृष्टि चतुर्थ भाव में पड़ने से माँ की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है । स्वास्थ्य समस्याएं आपके जीवन में आ सकती हैं । मंगल के प्रभाव से जातक क्रोधी व अधैर्यशाली हो जाता है ।
चतुर्थ भाव पर बुध की दृष्टि का प्रभाव –
बुध की दृष्टि कुंडली के चतुर्थ भाव पर पड़ना जातक के लिए बहुत लाभदायी होगा । वाणी के स्वामी बुध ,जातक को संवाद कला में कुशल करेंगे। कुंडली में बुध की दृष्टि पड़ना जातक के लिए हर तरह से लाभ देने वाला साबित होगा ।
चतुर्थ भाव पर बृहस्पति की दृष्टि का प्रभाव –
बृहस्पति की दृष्टि जातक को हर तरह के सुख प्रदान करने वाली होती है । देवगुरु बृहस्पति धन के कारक हैं इसलिए जातक को धन लाभ होगा । भूमि भवन वाहन का सुख मिलेगा ।
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चतुर्थ भाव पर शुक्र की दृष्टि का प्रभाव –
शुक्र की दृष्टि पड़ने से जातक के मान सम्मान प्रतिष्ठा में बहुत अधिक वृद्धि होगी । मातृत्व सुख का लाभ मिलेगा । जीवन में स्त्री धन का विशेष योग रहेगा ।
चतुर्थ भाव पर शनि की दृष्टि का प्रभाव –
कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि की दृष्टि पड़ने से जातक को निश्चित रूप से गृहलाभ होगा । शनि देव की दृष्टि पड़ने से आपको जीवन में धोखा मिल सकता है । जातक सब कुछ प्राप्त करेगा किन्तु भोग कर पाने से वंचित रहता है ।
चतुर्थ भाव पर राहु की दृष्टि का प्रभाव –
राहु की दृष्टि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में पड़ने से जातक को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । जातक के जीवन में गृह कलेश जैसी स्थिति बन सकती है । जेल यात्रा का योग बन सकता है ।
चतुर्थ भाव पर केतु की दृष्टि का प्रभाव –
प्रायः केतु की दृष्टि का प्रभाव शुभ नहीं होता है किन्तु यदि केतु आपकी जन्म कुंडली में किसी शुभ ग्रह में बैठे हैं और वहाँ से चतुर्थ भाव में दृष्टि डाल रहे हैं तो निश्चित रूप से आपके के लिए शुभ फल प्राप्त होने वाला है ।
निष्कर्ष –
जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में सभी ग्रहों की दृष्टि से होने वाले प्रभावों के विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सभी ग्रह जातक को शुभ व अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करने वाले हैं । यदि कोई ग्रह आपको अधिक अशुभ फल दे रहा है या आपके जीवन में समस्याएं खड़ी कर रहा है तो आप हमारी वेबसाईट आलोक एस्ट्रोलॉजी के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खण्डेलवाल से परामर्श कर सकते हैं और अपनी समस्या का हल पा सकते हैं।
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