जानें आपकी कुंडली का द्वितीय भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

कुंडली का द्वितीय भाव

कुंडली के 12 भावों में से द्वितीय भाव को कुटुंब भाव और धन भाव के नाम से जाना जाता है। यह भाव धन से संबंधित मामलों को दर्शाता है। धन का हमारे दैनिक जीवन में बड़ा महत्व है। द्वितीय भाव परिवार, चेहरा, वाणी, भोजन, धन, आर्थिक और आशावादी दृष्टिकोण आदि को दर्शाता है। यह भाव ग्रहण करने, सीखने, भोजन और पेय का प्रतिनिधित्व करता है। इस लेख में जानें की आपकी कुंडली के द्वितीय भाव के महत्व के बारे में।

आज ही हमें कॉल करके अपना स्लॉट बुक करें और पाएं सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषीय परामर्श विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा ।

द्वितीय भाव का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के द्वितीय भाव का कारक ग्रह बृहस्पति को माना गया है। द्वितीय भाव से धन, संपत्ति, कुटुंब परिवार, वाणी, गायन, नेत्र, प्रारंभिक शिक्षा और भोजन आदि बातों का वर्णन किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह भाव जातक के द्वारा जीवन में अर्जित किये गये स्वर्ण आभूषण, हीरे तथा अन्य बहुमूल्य पदार्थों के बारे में भी बोध कराता है। ज्योतिष शास्त्र में द्वितीय भाव का विशेष महत्व होता है। इसलिए यह जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है की आपकी कुंडली का द्वितीय भाव क्या कहता है।

कुंडली का द्वितीय भाव आपके जीवन के निम्न पहलुओं को दर्शाता है।

  • आर्थिक स्थिति: आपकी कुंडली में आमदनी और लाभ का वर्णन एकादश भाव के अलावा द्वितीय भाव से भी किया जाता है। जब द्वितीय भाव और एकादश भाव के स्वामी बृहस्पति गृह मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति धनवान होता है। वहीं यदि कुंडली में उनकी स्थिति कमजोर हो तो, आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • प्रारंभिक शिक्षा: द्वितीय भाव का सम्बन्ध आपके बचपन से गहरा संबंध होता है इसलिए इस भाव से आपकी प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े पहलुओं का आकलन किया जा सकता है।
  • वाणी, गायन और संगीत: द्वितीय भाव का संबंध मनुष्य के मुख और वाणी से होता है। यदि आपका द्वितीय भाव, बुध ग्रह किसी प्रकार से पीड़ित है, तो व्यक्ति को  बोलने में परेशानी हो सकती है। बुध ग्रह द्वितीय भाव का स्वामी है और इसे वाणी का कारक भी कहा जाता है। आपका द्वितीय भाव वाणी से सम्बन्ध रखता है इसलिए यह भाव गायन अथवा संगीत से जुड़ी जानकारी को भी दर्शाता है।
  • नेत्र: द्वितीय भाव का संबंध आपके नेत्र से भी होता है। यह भाव से प्रमुख रूप से आपके नेत्रों के बारे में वर्णन करता हैं। यदि आपकी कुंडली में द्वितीय भाव   सूर्य अथवा चंद्रमा अन्य ग्रहों से पीड़ित हों या फिर द्वितीय भाव द्वितीय भाव के स्वामी पर क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो, तो आपको को नेत्रों से सम्बंधित पीड़ा या विकार हो सकते हैं।
  • रूपरंग और मुख: द्वितीय भाव मनुष्य के मुख और चेहरे की बनावट को दर्शाता है। यदि द्वितीय भाव का स्वामी बुध अथवा शुक्र हो और बलवान होकर अन्य शुभ ग्रहों से सम्बन्ध रखता हो, तो व्यक्ति सुंदर रंग रूप वाला होता है, साथ ही व्यक्ति अच्छा वक्ता भी होता है।

द्वितीय भाव का अन्य भावों से अंतर्संबंध

द्वितीय भाव कुंडली के अन्य भावों से भी अंतर्संबंध रखता है। यह भाव छोटे भाईबहनों को हानि, उनके खर्च, छोटे भाईबहनों से मिलने वाली मदद और उपहार, जातक के हुनर और प्रयासों में कमी को दर्शाता है। द्वितीय भाव आपकी माँ के बड़े भाईबहन, आपकी माँ को होने वाले लाभ और वृद्धि, समाज में आपकी माँ के संपर्क आदि को भी प्रकट करता है। वहीं द्वितीय भाव  समाज में आपके बच्चों की छवि और प्रतिष्ठा का बोध कराता है। द्वितीय भाव प्राचीन ज्ञान से संबंधित कर्म, मामा का भाग्य, उसकी लंबी यात्रा और विरोधियों के माध्यम से लाभ को दर्शाता है। यह आपके जीवनसाथी की मृत्यु, पुनर्जन्म, जीवनसाथी की संयुक्त संपत्ति, साझेदार से हानि या साझेदार के साथ मनाने की हिस्सेदारी का बोध कराता है। द्वितीय भाव आपके सासससुर एवं आपके ससुराल पक्ष के व्यावसायिक साझेदार, ससुराल के लोगों से कानूनी संबंध, ससुराल के लोगों के साथसाथ बाहरी दुनिया से संपर्क और पैतृक मामलों को दर्शाता है। यह भाव पिता या गुरु की बीमारी, शत्रु, मानसिक और वैचारिक रूप से आपके विरोधी, निवेश, करियर की संभावना, शिक्षा, ज्ञान और आपके अधिकारियों की कलात्मकता को प्रकट करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में द्वितीय भाव बड़े भाईबहनों की सुखसमृद्धि, मित्रों का सुख, बड़े भाईबहनों का आपकी माँ के साथ व्यवहार का वर्णन करता है। यह भाव लेखन, आपकी दादी के बड़े भाईबहन और दादी के बोलने की कला को भी प्रकट करता है। द्वितीय भाव गुप्त शत्रुओं की वजह से की गई यात्राओं पर हुए खर्च और प्रयासों को भी दर्शाता है।

लाल किताब के अनुसार द्वितीय भाव

लाल किताब के अनुसार द्वितीय भाव ससुराल पक्ष और उनके परिवार, धन, सोना, खजाना, अर्जित धन, धार्मिक स्थान, गौशाला, कीमती पत्थर और परिवार को दर्शाता है। लाल किताब के अनुसार, कुंडली के द्वितीय भाव की सक्रियता के लिए नवम या दशम भाव में किसी ग्रह को उपस्थित होना चाहिए। यदि नवम और दशम भाव में कोई ग्रह विराजमान नहीं रहता है तो द्वितीय भाव निष्क्रिय हो जाता है। फिर चाहें कोई शुभ ग्रह भी इस भाव में क्यों बैठा हुआ हो। उसका इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। कुंडली में द्वितीय भाव एक महत्वपूर्ण भाव है। क्योंकि यह हमारे जीवन जीने की शैली, संपत्ति की खरीद, समाज में धन और भौतिक सुखों से मिलने वाली पहचान को दर्शाता है। द्वितीय भाव से यह निर्धारित होता है कि आपके द्वारा अर्जित धन से आप समाज में किस सम्मान के हकदार होंगे। आपकी समाज में क्या प्रतिष्ठा रहेगी। अपनी कुंडली के द्वितीय भाव से ये सारी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती है। आप अपनी कुंडली से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ हमारे अन्य लेख पढ़ कर प्राप्त कर सकते है।

जानें आपकी कुंडली का द्वितीय भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

14 thoughts on “जानें आपकी कुंडली का द्वितीय भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

  1. We are a group of volunteers and starting a new scheme in our
    community. Your site offered us with valuable information to work on. You have performed a formidable job and our whole group shall be thankful to you.

  2. Thanks for finally writing about > जानें आपकी
    कुंडली का द्वितीय भाव आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
    – Blog < Liked it!

  3. Sweet blog! I found it while searching on Yahoo
    News. Do you have any tips on how to get listed in Yahoo
    News? I’ve been trying for a while but I never seem to get there!

    Cheers

  4. Have you ever thought about including a little
    bit more than just your articles? I mean, what you say is important
    and everything. Nevertheless just imagine if you added some great images or video clips to give your posts more, “pop”!
    Your content is excellent but with images and videos, this blog could definitely be one of the greatest in its field.
    Good blog!

  5. Hey there I am so grateful I found your weblog, I really found you by mistake, while I was browsing on Askjeeve for something
    else, Regardless I am here now and would just like to say thanks a lot for a tremendous post
    and a all round enjoyable blog (I also love the theme/design), I don’t have time
    to read it all at the minute but I have book-marked it
    and also added in your RSS feeds, so when I have time I will be back to read a great deal more,
    Please do keep up the excellent work.

  6. Hi there! I could have sworn I’ve visited this web site before but after browsing
    through many of the articles I realized it’s new to me. Anyways, I’m definitely delighted I came
    across it and I’ll be book-marking it and checking back frequently!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top