ज्योतिष में हम कई तरह के योगों के नाम सुनते हैं । कुछ योग हमारी किस्मत में चार चाँद लगा जाते हैं तो वही कुछ योग हमारे लिए बहुत कष्टदायक भी साबित होते हैं ।
इस लेख में हम ऐसे ही दो योगों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनके होने से जातक के जीवन पर व्यापक असर पड़ता है । हम बात कर रहे हैं -गजलक्ष्मी योग की और अमला योग की । आगे हम जानेंगे कि हथेली में यह दोनों योग कैसे व किस स्थान पर बनते हैं ? साथ ही यह भी जानेंगे कि यह दोनों योग जातक को कैसा फल प्रदान करते हैं ?
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गजलक्ष्मी योग क्या है?
जातक की हथेली में गजलक्ष्मी योग बनने के लिए निम्नलिखित स्थितियाँ होनी आवश्यक हैं –
जातक के दोनों हाथों की भाग्य रेखा हथेली के मणिबंध से प्रारंभ होकर हथेली में स्थित शनि पर्वत की ओर जाए ।
हथेली पर सूर्य पर्वत पूर्ण रूप से विकसित होने के साथ ही सूर्य रेखा दोषरहित व स्पष्ट हो ।
सूर्य रेखा का अलावा मस्तिष्क रेखा, स्वास्थ्य रेखा व आयु रेखा भी दोष रहित व स्पष्ट हो।
जब किसी जातक की हथेली में ये तीनों स्थितियाँ एक साथ बन रही हों ,तब उसे गजलक्ष्मी योग कहा जाता है ।
गजलक्ष्मी योग से प्राप्त होने वाले फल-
हथेली में गजलक्ष्मी योग होने जातक को निम्नलिखित फल प्राप्त होते हैं –
गजलक्ष्मी योग होने से जातक अपने जीवन में फर्श से अर्श तक पहुँच जाता है यानि भले उसका जन्म साधारण परिवार में ही हुआ हो किन्तु अपनी मेहनत व भाग्य से वह उच्च पद प्राप्त करता है ।
गजलक्ष्मी योग जातक को हर तरह का भौतिक सुख प्रदान करता है । जातक आर्थिक संपन्नता प्राप्त करने में सफल रहता है ।
अपने आचरण व कार्यों से समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त करता है ।
ऐसा जातक अपने कार्यक्षेत्र में अत्यंत सफल होता है । साथ ही विदेश से भी धन अर्जित करने में कामयाब होता है ।
हथेली में चंद्र पर्वत, सूर्य पर्वत व शुक्र पर्वत पूर्ण रूप से विकसित व उभरे हुए हों ।
जब हथेली की चंद्र रेखा बुध पर्वत की ओर जा रही हो ।
जब जातक की हथेली में यह दोनों स्थितियाँ एक साथ बनती हैं ,तब उसे अमला योग कहा जाता है ।
अमला योग से प्राप्त होने वाले फल-
अमला योग से प्राप्त होने वाले फल निम्नलिखित हैं-
अमला योग जातक की बुद्धि व चातुर्य में वृद्धि करता है । ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि के सदुपयोग से समाज में यश प्राप्त करने में सफल होता है ।
अमला योग से जातक के जीवन में कई बार विदेश यात्राओं का योग बनता है और यह विदेश यात्राएं उसको सफलता प्रदान करने वाली सिद्ध होती हैं ।
अगर जातक व्यापार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है तो हथेली में अमला योग के होने से उसे व्यापार के क्षेत्र में बहुत सफलता मिलती है । व्यापार से वह धन अर्जित करने में सफल रहता है ।
अमला योग में शुक्र पर्वत के जुड़े होने से जातक को स्त्री पक्ष से लाभ होता है तथा शुक्र के होने से वह समस्त भौतिक सुखों का भोग करता है ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने ज्योतिष के दो महत्वपूर्ण योग गजलक्ष्मी योग व अमला योग के फलों का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया । निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि हथेली के यह दोनों योग जातक के लिए बेहद शुभ फलदायक हैं । इसलिए दोनों योगों को शुभ योग की श्रेणी मे रखा जा सकता है ।