हथेली में गजलक्ष्मी योग व अमला योग होने का फल!

हथेली में गजलक्ष्मी योग व अमला योग होने का फल!

ज्योतिष में हम कई तरह के योगों के नाम सुनते हैं । कुछ योग हमारी किस्मत में चार चाँद लगा जाते हैं तो वही कुछ योग हमारे लिए बहुत कष्टदायक भी साबित होते हैं । 

इस लेख में हम ऐसे ही दो योगों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनके होने से जातक के जीवन पर व्यापक असर पड़ता है । हम बात कर रहे हैं -गजलक्ष्मी योग की और अमला योग की । आगे हम जानेंगे कि हथेली में यह दोनों योग कैसे व किस स्थान पर बनते हैं ? साथ ही यह भी जानेंगे कि यह दोनों योग जातक को कैसा फल प्रदान करते हैं ?

क्या आप अपनी हथेली की रेखाओं और हथेली में योग के बारे में जानना चाहते हैं? संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी से परामर्श लें और वह सब जानें जिसके बारे में आप जानना चाहते हैं।

गजलक्ष्मी योग क्या है?

जातक की हथेली में गजलक्ष्मी योग बनने के लिए निम्नलिखित स्थितियाँ होनी आवश्यक हैं –

  1. जातक के दोनों हाथों की भाग्य रेखा हथेली के मणिबंध से प्रारंभ होकर हथेली में स्थित शनि पर्वत की ओर जाए । 
  2. हथेली पर सूर्य पर्वत पूर्ण रूप से विकसित होने के साथ ही सूर्य रेखा दोषरहित व स्पष्ट हो । 
  3. सूर्य रेखा का अलावा मस्तिष्क रेखा, स्वास्थ्य रेखा व आयु रेखा भी दोष रहित व स्पष्ट हो। 

जब किसी जातक की हथेली में ये तीनों स्थितियाँ एक साथ बन रही हों ,तब उसे गजलक्ष्मी योग कहा जाता है ।

गजलक्ष्मी योग से प्राप्त होने वाले फल-

हथेली में गजलक्ष्मी योग होने जातक को निम्नलिखित फल प्राप्त होते हैं –

  1. गजलक्ष्मी योग होने से जातक अपने जीवन में फर्श से अर्श तक पहुँच जाता है यानि भले उसका जन्म साधारण परिवार में ही हुआ हो किन्तु अपनी मेहनत व भाग्य से वह उच्च पद प्राप्त करता है । 
  2. गजलक्ष्मी योग जातक को हर तरह का भौतिक सुख प्रदान करता है । जातक आर्थिक संपन्नता प्राप्त करने में सफल रहता है । 
  3. अपने आचरण व कार्यों से समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त करता है । 
  4. ऐसा जातक अपने कार्यक्षेत्र में अत्यंत सफल होता है । साथ ही विदेश से भी धन अर्जित करने में कामयाब होता है ।

अमला योग क्या है ?

हथेली में अमला योग निम्न स्थितियों में बनता है –

  1. हथेली में चंद्र पर्वत, सूर्य पर्वत व शुक्र पर्वत पूर्ण रूप से विकसित व उभरे हुए हों । 
  2. जब हथेली की चंद्र रेखा बुध पर्वत की ओर जा रही हो । 

जब जातक की हथेली में यह दोनों स्थितियाँ एक साथ बनती हैं ,तब उसे अमला योग कहा जाता है । 

अमला योग से प्राप्त होने वाले फल-

अमला योग से प्राप्त होने वाले फल निम्नलिखित हैं-

  1. अमला योग जातक की बुद्धि व चातुर्य में वृद्धि करता है । ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि के सदुपयोग से समाज में यश प्राप्त करने में सफल होता है । 
  2. अमला योग से जातक के जीवन में कई बार विदेश यात्राओं का योग बनता है और यह विदेश यात्राएं उसको सफलता प्रदान करने वाली सिद्ध होती हैं । 
  3. अगर जातक व्यापार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है तो हथेली में अमला योग के होने से उसे व्यापार के क्षेत्र में बहुत सफलता मिलती है । व्यापार से वह धन अर्जित करने में सफल रहता है । 
  4. अमला योग में शुक्र पर्वत के जुड़े होने से जातक को स्त्री पक्ष से लाभ होता है तथा शुक्र के होने से वह समस्त भौतिक सुखों का भोग करता है ।
निष्कर्ष -

इस प्रकार से हमने ज्योतिष के दो महत्वपूर्ण योग गजलक्ष्मी योग व अमला योग के फलों का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया । निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि हथेली के यह दोनों योग जातक के लिए बेहद शुभ फलदायक हैं । इसलिए दोनों योगों को शुभ योग की श्रेणी मे रखा जा सकता है ।

हथेली में गजलक्ष्मी योग व अमला योग होने का फल!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top