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ग्रहों की चाल विपरीत दिशा मे होने पर क्या करें ?

Alok Astrology

कई बार हमारी जन्मकुंडली में ग्रह कमजोर हो जाते हैं और इस वजह से हमारा भाग्य कमजोर होने लगता है। ग्रह हमारे जीवन के अनुकूल ना होने से हमारे जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं । हमारे बने हुए कार्य बिगड़ने लगते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात कि ग्रहों के विपरीत होने से हम मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाते हैं । ऐसी स्थिति में हम समस्या का सामना करने से घबरा जाते हैं । अगर आपके जीवन में ऐसी स्थिति बन जाती है तो आपको इससे बाहर आने के लिए किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए , आगे हम इसके बारे में जानने वाले हैं । 

किसी भी समस्या का सामना करने के लिए हमारे अंदर की शक्ति या इच्छा शक्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है इसलिए सबसे पहले हमें अपनी इच्छा शक्ति को प्रबल बनाना चाहिए । ऐसी स्थिति में हमें अपने दैनिक क्रियाकलापों का निष्पक्षता से विश्लेषण करना चाहिए कि हमारे कार्यों से किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का कष्ट या परेशानी तो नहीं है । अगर ऐसा तो सबसे पहले तो उस कार्य को करना बंद करें जिससे किसी को पीड़ा हो । 

इसके बाद हमें अपने आराध्य देव की शरण में जाकर पूरे मन से पूजा आराधना करनी चाहिए । हम जिस भी देवता के अनुयायी हों, अपने आराध्य देव के मंत्र का नित्य जाप करना है । 

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ग्रहों की चाल कैसे पहचानें ?

यदि आपको अपने कार्यक्षेत्र में समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इसका अर्थ है आपकी कुंडली में सूर्य देव विपरीत दिशा में हैं । इससे मुक्ति के लिए आपको सूर्यदेव की उपासना के साथ साथ उन्हें नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए । 

यदि आपकी माता के स्वास्थ्य में अचानक कमी आ जाए तो आपको समझ जाना चाहिए की आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की चाल आपके लिए शुभ नहीं है । इससे मुक्ति के लिए आपको मंदिर में पूजा व मंदिर के बाहर दान करना है । 

अगर आपके आपसी संबंधों में दरार या कटुता आने लगे तो समझ लीजिए आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति आपके लिए शुभ नहीं है। ऐसी स्थिति में आपको हनुमान जी की उपासना के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए । 

यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध की दशा ठीक नहीं है तो आपको प्रियजनों से कलह का सामना करना पड़ सकता है और यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ने लिखने में बाधा उत्पन्न हो सकती है । इससे बचने के यही उपाय है कि कन्या पूजन के साथ कन्या भोज का आयोजन करें । 

बृहस्पति की चाल विपरीत होने पर आपकी शिक्षा में बाधा आ सकती है व घर के बुजुर्गों के स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिल सकती है । ऐसी स्थिति में पीपल के पेड़ की पूजा करने के साथ ही मंदिर में दान करें । 

दाम्पत्य जीवन में कलह होने पर आपको शुक्र देव की आराधना करनी चाहिए। इसके अलावा गाय को रोटी खिलाएं व लक्ष्मी माता की पूजा करें । 

शनि देव की चाल विपरीत होने पर शनि मंत्र का जाप करें व शनिवार के दिन शनिदेव को तेल चढ़ाएं व सामने तेल का दीपक जलाएं । 

राहु के विपरीत प्रभाव से बचने के लिए अपने घर की साफ सफाई करें व किसी भी तरह की अनुपयोगी वस्तु अपने घर में ना रखें । 

कुंडली में केतु की स्थिति बेहतर करने के लिए मंदिर में काले या सफेद कपड़ों का दान करें । 

निष्कर्ष – 

इस प्रकार से हम समझ सकते हैं कि जन्म कुंडली में ग्रहों की चाल ठीक ना होने पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । जिस ग्रह की चाल ठीक नहीं है उसके लिए पूजा आराधना करने के साथ ही जरूरतमंदों को दान करें। कन्या भोज कराने से भी कुंडली में ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है । 

ग्रहों की चाल विपरीत दिशा मे होने पर क्या करें ?
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